रायपुर
![निखिल तो नहीं बन सका, लेकिन उसके ‘देह’ से कई डॉक्टर बन सकेंगे निखिल तो नहीं बन सका, लेकिन उसके ‘देह’ से कई डॉक्टर बन सकेंगे](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649851506611842327G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अप्रैल। यह एक ऐसा मामला है, जिसमें शिक्षक पिता ने अपने दिवंगत पुत्र की इच्छा को पूरा करने के लिए उसके देहदान का फैसला किया। बताया गया कि दिवंगत पुत्र की इच्छा डॉक्टर बनने की थी, लेकिन स्वास्थगत कारणों से ऐसा नहीं हो पाया। अब मेडिकल छात्र उसके देह का उपयोग अपनी पढ़ाई के लिए कर सकेंगे।
पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के निज सचिव रहे टीआर वर्मा पेशे से शिक्षक रहे हैं। वो भाजपा शासनकाल में लंबे समय तक पैकरा के स्टाफ में थे। वर्मा के 24 वर्षीय पुत्र निखिल की दो दिन पहले तबीयत बिगड़ गई, और उन्हें दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया। जहां उनकी सांसे थम गई। निखिल सिकलीन की बीमारी से पीडि़त था। साइंस में स्नातक निखिल की डॉक्टर बनने की चाह थी। उनके निधन के बाद पिता टीआर वर्मा ने परिजनों से चर्चा के बाद देहदान का फैसला लिया। बुधवार को सारी प्रक्रिया पूरी कर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को देहदान किया गया।