रायपुर
![बिजली कंपनियां 1004 करोड़ के घाटे में बिजली कंपनियां 1004 करोड़ के घाटे में](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649851650-1.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अप्रैल। राज्य पावर कंपनियों ने वर्ष-2022-23 के लिए नियामक आयोग को 1004 करोड़ के राजस्व घाटे का प्रस्ताव दिया था, जिसकी जगह आयोग ने 386 करोड़ राजस्व घाटे का अनुमोदन किया है। राज्य बिजली उत्पादन कंपनियों ने विगत वर्षों में 246 करोड़ राजस्व घाटे की मांग की है, जिसे आयोग ने मंजूरी दे दी है। पारेषण कंपनी ने विगत वर्षों के लिए 36 करोड़ के राजस्व घाटे की मांग की थी, परंतु आयोग में इसके स्थान पर 96 करोड़ राजस्व आधिक्य का अनुमोदन किया है। नियामक आयोग अध्यक्ष हेमेंत वर्मा ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि पूर्व वर्षों के घाटे और वर्ष-2022-23 के लिए बिजली की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टेरिफ से अनुमानित राजस्व घाटे के आधार पर वितरण कंपनी ने 725 करोड़ घाटे का दावा किया है। इसमें से आयोग ने 725 करोड़ के घाटे की जगह 8 करोड़ को ही मान्य किया है। बताया गया कि विद्युत वितरण कंपनी ने 14 पैसे यूनिट वृद्धि की जरूरत बताई थी।
राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा प्रस्तावित कुल राजस्व घाटे 1004 करोड़ की भरपाई की जाती, तो टेरिफ में औसतन 5.39 फीसदी की वृद्धि की जरूरत पड़ती। राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा प्रस्तावित राजस्व घाटे 1004 करोड़ की जगह राजस्व घाटा 386 करोड़ मान्य किया गया है। वर्तमान में प्रचलित दर से विद्युत दरों में 2.31 फीसदी की वृद्धि अनुमोदित की गई।
उच्च दाब उपभोक्ता
रक्षा स्थापना को ऊर्जा प्रभार में 15 फीसदी की रियायत जारी रखी गई है। उच्च दाब पर विद्युत प्रदाय करने वाले पोहा, और मुरमुरा मिलों को प्रचलित प्रभार में 5 फीसदी की छूट जारी रखी गई है। सभी उच्चदाब स्टील उपभोक्ता श्रेणी को वर्तमान में दी जाने वाली लोड फैक्टर इंसेन्टिव को भी जारी रखा गया है। साथ ही एक मेगावाट से अधिक क्षमता के कैप्टिव प्लांट को भी लोड फैक्टर इंसेन्टिव के लिए सम्मिलित किया गया है।