रायपुर
![आकांक्षी जिलों के विकास को परखने सांस्कृतिक उत्थान को भी पैमाना बनाया जाए आकांक्षी जिलों के विकास को परखने सांस्कृतिक उत्थान को भी पैमाना बनाया जाए](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649851751hupesh_Baghel_0002.jpg)
प्रधानमंत्री मोदी को भूपेश की चिट्ठी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अप्रैल। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों के विकास के प्रचलित मापदंडों में सांस्कृतिक उत्थान के तत्वों को भी शामिल किए जाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि ट्रांसफार्मेशन ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम (टीएडीपी) के मॉनिटरिंग इंडीकेटर में स्थानीय बोली में शिक्षा, मलेरिया व एनीमिया में कमी, वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी, लोक कला, लोक नृत्य तथा पुरातत्व का संरक्षण-संवर्धन, जैविक खेती, वनाधिकार पट्टे आदि को शामिल किया जाना चाहिए।
श्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है - मुझे यह कहते हुए खुशी है कि इन सभी मापदंडों पर छत्तीसगढ़ ने शानदार काम किया है।
श्री बघेल ने लिखा है - हमारे राज्य में कुल 10 आकांक्षी जिले हैं, जिसमें पूर्णत: 8 जिले अनुसूचित क्षेत्र में हैं एवं 07 जिले बस्तर संभाग से हैं जो अनुसूचित जनजाति बहुल्य क्षेत्र भी है और वामपंथी उग्रवाद से ग्रसित हैं । इन आकांक्षी जिलों के विकास को लेकर नीति आयोग द्वारा समय-समय पर समीक्षा एवं मूल्यांकन करने हेतु विभिन्न मापदण्ड के आधार पर आकांक्षी जिलों के बीच श्रेणीकरण किया जाता है ।
हमारे वनांचल तथा ग्राम्य जीवन में संस्कृति और परंपराओं का विशेष योगदान होता है, जिससे वहां के लोगों के जीवन में समरसता, उत्साह एवं स्वावलम्बन का भाव रहे, इसलिए आकांक्षी जिलों की अवधारणा में सांस्कृतिक उत्थान के बिन्दु को भी यथोचित महत्व एवं ध्यान दिया जाना चाहिए ।उपरोक्त इंडीकेटरों को भी जोड़े जाने पर मुझे विश्वास है कि आकांक्षी जिलों के बहुमुखी विकास में किये जा रहे सभी प्रयासों पर भी ध्यान रहेगा और जिस आशा के साथ यह आकांक्षी जिलों की पृथक मॉनीटरिंग व्यवस्था शुरू की गई है वह भी सफल होगी ।
दिग्विजय के साथ शिवराज पर भी हो एफआईआर-बघेल
बुधवार को दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम भूपेश बघेल ने एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। सीएम ने कहा कि जो डरे हुए लोग होते हैं, वे अहिंसक होते हैं। वे हिंसा का सहारा लेते हैं। जो साहसी होता है, जिसमें साहस और बल होता है, वह अहिंसक होता है। एमपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर एफआईआर के मामले में सीएम ने कहा कि जिस काम के लिए उन पर एफआईआर दर्ज की गई है, वही काम एमपी के सीएम शिवराज सिंह ने किया है, इसलिए उन पर भी एफआईआर होनी चाहिए। वहीं भाजपा नेताओं के प्रदेश दौरे पर कहा कि भाजपा के नेता मंत्री आते हैं, सिर्फ आलोचना करके चले जाते हैं, लेकिन कुछ देके जाए तो बेहतर होगा । वहीं जालियांवाला बाग के ट्वीट पर कहा कि जो डरे हुए लोग रहते हैं । वही हिंसा का सहारा लेते हैं । अहिंसक वहीं होता है जो साहसी हो, जिसमें आत्मबल हो ।