रायपुर
![उच्च स्तरीय खेल प्रदर्शन के लिए मेंटल प्रेक्टिस की मुख्य भूमिका होती है-प्रो.सीडी अगासे उच्च स्तरीय खेल प्रदर्शन के लिए मेंटल प्रेक्टिस की मुख्य भूमिका होती है-प्रो.सीडी अगासे](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1650021337.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अभनपुर, 15 अप्रैल। नेताजी सुभाष महाविद्यालय, बेलभाठा, अभनपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला ‘खेल मनोविज्ञान’ पर 14 एवं 15 अप्रैल को आयोजित है। आयोजन अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में प्रो. सी.डी. अगासे ने खेल प्रदर्शन के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए मनोवैज्ञानिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सहभागियों को बताया की उच्चस्तरीय खेल प्रदर्षन के लिए मेंटल प्रेक्टिस मुख्य भूमिका अदा करती है। इसके लिए किस प्रकार से एक खिलाड़ी को काल्पनिक रूप से मानसिक अभ्यास करना चाहिए। इसके व्यवहारिक तथ्यों को अवगत कराते हुए सहभागियों से अभ्यास करवाया गया।
प्रत्येक प्रदर्शन के स्थिति को सुधारने के लिए किस प्रकार हमारा काल्पनिक मानसिक अभ्यास सहायता करता है, जिसके कारण विपरित समय एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में भी खिलाड़ी को खेल प्रदर्षन स्तर उच्चस्तरीय कौशल निष्पादन में सहायक होता है।
दो दिवसीय इस राश्ट्रीय कार्यशाला को चार तकनीकी सत्रों में विभाजित कर खिलाड़ी एवं खेल से जुड़े हुए व्यक्तियों को मनोविज्ञान की विभिन्न पहलुओं एवं कारकों का खेल प्रदर्शन पर पडऩे वाले प्रभाव एवं उसकी भूमिका का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रमुख वक्ता द्वारा किया जा रहा है।
कार्याशाला में झारखंड, उप्र, ओडिशा, म.प्र., बिहार, अंडमान निकोबार एवं छ.ग. के लगभग 190 सहभागियों ने हिस्सा लिया। उपरोक्त जानकारी कार्यशाला के संयोजक एवं प्राचार्य डॉ. व्ही.के.मिश्रा ने एक विज्ञप्ति में दी है।