रायपुर
![गर्मी बढ़ते ही बदलेगा पुलिस डॉग का डाइट प्लान, मांस की जगह दही-लस्सी का स्वाद गर्मी बढ़ते ही बदलेगा पुलिस डॉग का डाइट प्लान, मांस की जगह दही-लस्सी का स्वाद](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1650117461og.gif)
डॉक्टर से सलाह लेकर सेहत बरकरार रखेगी पुलिस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 अप्रैल। गर्मी का पारा बढऩे के साथ ही पुलिस ने जिले के डॉग स्क्वाड को तंदुरूस्थ बनाने के लिए प्लानिंग कर ली है। आने वाले दिनों में डॉग स्क्वाड के सभी खोजी कुत्तों की डॉक्टरी जांच कराने के बाद उनके डाइट प्लान में बदलाव किया जाएगा।
गर्मी के मौसम में खोजी कुत्तों को राहत देने के लिए मांस की जगह में दही और लस्सी के इंतजाम किए जाएंगे। इस समय पुलिस रक्षित केंद्र में चार खोजी कुत्ते मौजूद हैं। इसमें तीन लेबरा डोर और फिर एक जर्मन शेफर्ड शामिल हैं। लेबरा डोर में बंटी, चार्ली और लारा शामिल हैं जबकि जर्मन शेफर्ड में टार्जन डाग स्क्वाड में शामिल हैं। डॉग स्क्वाड के एक ट्रेनर से बातचीत में बताया गया कि गर्मी बढऩे पर डॉग स्क्वाड के लिए समस्या रहती है।
उन्हें ठंडा रखने के लिए डाइट प्लान करना जरूरी है। इसी कड़ी में मार्च महीना गुजर जाने के बाद अब सभी डॉग्स के लिए डॉक्टरी सलाह लेकर उनके खान पान में बदलाव करने की तैयारी कर रहे हैं। यह सामान्य व्यवस्था है जो गर्मी के दिनों में खासतौर से लागू की जाती है। गर्मी से राहत देने के लिए डॉग सेंटर में अब कूलर लगा दिए गए हैं। सभी खोजी कुत्ते दोपहर के वक्त में आराम करते हैं। गर्मी के चलते डाग रखे जाने वाले कमरों में ठंडी हवा के लिए बेहतर इंतजाम किया गया है। बता दें रक्षित केंद्र में मौजूद खोजी कुत्ते नकबजनी और फिर विस्फोटक जांच में माहिर हैं। डॉग स्क्वाड में सबसे सीनियर लारा है। लारा को नकबजनी के मामले में ट्रेकर बताया जाता है। शहर में वीआईपी ड्यूटी का दबाव होने के चलते ही खोजी कुत्तों पर ड्यूटी का अच्छा खासा दबाव रहता है। सीनियर लारा की आयु देखते हुए सेहत बनी रहे इसलिए खान पान का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
भोजन से बेरूखी फिर सीधे अस्पताल
कोरोना काल के बाद से ही डाग स्क्वाड की सेहत को लेकर सख्त निर्देश जारी हैं। लगातार डॉक्टरी परामर्श के बाद खोजी कुत्तों के डाइट प्लान का ख्याल रखा जा रहा है। एक प्रशिक्षक के मुताबिक अगर डाग स्क्वाड से कोई मेंबर भोजन नहीं करता तो सीधे उसे डॉक्टर के पास ले जाकर परामर्श लेते हैं। बुखार आने पर भी उनके खान पान में बदलाव किया जाता है। डाग स्क्वाड के सभी चार मेंबरों में दो उम्रदराज हैं, इसलिए भी इनका ध्यान जरूरी है।
मिल सकता है बेल्जियम शेफर्ड
रायपुर को डॉग स्क्वाड के नए मेंबरों में बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के खोजी कुत्ते मिल सकते हैं। दो दर्जन बेल्जियम शेफर्ड को भिलाइें डॉग सेंटर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीन साल पहले विदेश से खरीदे गए खुंखार खोजी कुत्तों की ब्रिडिंग कराए जाने के बाद नए मेहमान रायपुर के डॉग स्क्वाड की टीम में शामिल हो सकते हैं। लेबरा डोर और जर्मन शेफर्ड की अपेक्षा बेल्जियम शेफर्ड ज्यादा फूर्तिले होते हैं।