रायपुर
![देश में तंबाकू नियंत्रण नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर रायपुर में हुई क्षेत्रीय परामर्श कार्यशाला देश में तंबाकू नियंत्रण नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर रायपुर में हुई क्षेत्रीय परामर्श कार्यशाला](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1650287006.jpg)
10 राज्यों के प्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी हुए शामिल
रायपुर, 18 अप्रैल। क्षेत्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन रायपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ बैंगलुरु, इंडियन अलायंस, द यूनियन, पं. जवाहर लाल नेहरु चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर एवं इंडियन एसोशिएशन ऑफ प्रिवेन्टींग एण्ड सोशल मेडिसीन रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य देश में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम और तंबाकू नियंत्रण नीतियों के क्रियान्वयन को समझने और देश के विभिन्न जनसांख्यिकीय क्षेत्रों में तंबाकू नियंत्रण नीतियों के क्रियान्वयन में विभिन्न चुनौतियों को समझना एवं आगामी रणनीति तैयार किया जाना है।
कार्यशाला सत्र का शुभारंभ नीरज बंसोड, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़़ एवं डॉ. तृप्ति नागरिया अधिष्ठाता पं. जेएनएम मेडिकल कॉलेज रायपुर ने किया और तंबाकू नियंत्रण नीतियों में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई। साथ ही तंबाकू नियंत्रण की दिशा में आने वाली चुनौतियों के संबंध में चिंता व्यक्त की गई। अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय ने महिलाओं द्वारा तंबाकू उपयोग किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुये महिलाओं को तंबाकू से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से अवगत कराया। डॉ. नागरिया ने बताया कि आने वाली पीढ़ी को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए महिलाओं के द्वारा तंबाकू उपयोग को रोकने हेतु विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
डॉ. प्रगति हेब्बार सहायक निदेशक, आईपीएच, बेंगलुरू ने बताया कि आईपीएच द्वारा इस परामर्श कार्यशाला का आयोजन अनुष्ठाना परियोजना के अंतर्गत किया गया है। यह कार्यशाला इस बात पर केंद्रित है कि देश भर में तंबाकू नियंत्रण नीतियों को कैसे लागू किया जा रहा है और इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है। द यूनियन के वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार डॉ. अमित यादव द्वारा तंबाकू नियंत्रण हेतु कोटपा एक्ट 2003 के प्रवधानों के साथ-साथ अवगत कराया कि देश में कई प्रभावी नीतियॉ जैसे - खाद्य सुरक्षा अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम आदि हैं जिनके उचित क्रियान्वयन से तंबाकू नियंत्रण की दिशा में बेहतर प्रयास किये जा सकते हैं, जिनसे तम्बाकू उपयोग से नई पीढी को जुड़ने से रोका जा सकता है।