रायपुर
![ज्योत्सना ने की आपत्ति, केन्द्र को लिखा पत्र ज्योत्सना ने की आपत्ति, केन्द्र को लिखा पत्र](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1650460647611842327G_LOGO-001.jpg)
रायपुर, 20 अप्रैल। सांसद ज्योत्सना महंत ने वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे को पत्र लिखा है. सांसद ने परसा एवं केते एक्सटेंशन कोयला खदान के लिए जारी तमाम अनुमतियों को निरस्त करते हुए कोल ब्लॉक अलॉटी कंम्पनी को अन्यत्र कोल ब्लॉक दिए जाने की बात कही।
सांसद महंत ने वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि हसदेव अरण्य वन क्षेत्र देश के कछ चुनिंदा जैव विविधता परिपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। यह वन क्षेत्र, पेंच राष्ट्रीय उद्यान से शुरू होकर कान्हा, अचानकमार होता हुआ आगे पलामू के जंगलों तक विस्तृत वन कॉरीडोर का अहम हिस्सा है। 700 किमी लंबा यह कॉरीडोर हसदेव अरण्य में कोयला खनन करने से दो भागों में विभक्त हो जाएगा। देश में लगभग 900 कोल ब्लॉक उपलब्ध हैं, जिसमें से 700 के लगभग घने जंगलों के बाहर हैं। यूपीए की सरकार ने 2010 में घने जंगल क्षेत्र को नोगो एरिया घोषित किया था। परन्तु वर्तमान में इसकी उपेक्षा करके इन क्षेत्रों में कोयला खनन की अनुमति दी जाए।