कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 20 अप्रैल। जि़ले के ट्यूटर शिक्षकों और बस्तर संभाग के स्थानीय अतिथि शिक्षकों को राज्य अतिथि शिक्षकों में सम्मिलित करने हेतु राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि सात वर्षों से बस्तर संभाग के सभी जिलों में स्थानीय शिक्षित युवक-युवतियों को लेकर नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती क्षेत्रों के शालाओं में शिक्षा का अलख जगाने हेतु स्थानीय अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। जिस कारण विगत सात वर्षों से समस्त शालाओं का शिक्षा स्तर उतरोत्तर रहा, जिनकी संख्या पूरे संभाग में 1800 है। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य शासन के द्वारा आउटसोर्सिंग विद्यामितान शिक्षकों को राज्य अतिथि शिक्षकों के रूप में नियुक्ति की गई और वर्तमान में शासन द्वारा राज्य अतिथि शिक्षकों के लिए आदेशित किया गया है कि, जिस विद्यालय में राज्य अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं, उन शालाओं में नियमित शिक्षकों की सीधी भर्ती पदोन्नति व स्थानांतरण से पदस्थापना नहीं किया जाना है तथा उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा नियमितीकरण की प्रक्रिया की जानी है।
आगे बताया गया कि स्थानीय अतिथि शिक्षकों की भर्ती राज्य अतिथि शिक्षकों की भर्ती से पहले हुई, पर आज तक स्थानीय अतिथि शिक्षकों की जानकारी राज्य सरकार के द्वारा नहीं ली गई है। स्थानीय अतिथि शिक्षक पिछले कई वर्षों से घोर नक्सल क्षेत्रों में जहां सडक़ तक नहीं है वैसे जगह कार्य कर रहे हैं। कई शालाओं में केवल स्थानीय अतिथि शिक्षकों के द्वारा ही शालाओं का संचालन हो रहा है। स्थानीय अतिथि शिक्षकों का वेतन भी बहुत ही कम है।
मांग की गई कि 1800 स्थानीय अतिथि शिक्षकों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्थानीय अतिथि शिक्षकों को राज्य अतिथि शिक्षकों में समायोजित किया जाए और 1800 स्थानीय अतिथि के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाया जाए।