रायपुर
![रायपुर से विशाखापट्नम ग्रीन फील्ड हाइवे, गडकरी की घोषणा-धनबाद तक दूसरा कारीडोर रायपुर से विशाखापट्नम ग्रीन फील्ड हाइवे, गडकरी की घोषणा-धनबाद तक दूसरा कारीडोर](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1650546785SC_0641a.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 अप्रैल। केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नेशनल हाइवे के नेटवर्क में काफी अच्छा काम हुआ है। छत्तीसगढ़ में इतना विश्वास दिलाना चाहता हूं कि लैंड एक्विजिशन और फॉरेस्ट क्लीयरेंस दें। एक लाख करोड़ के काम छत्तीसगढ़ को दूंगा।
यह छत्तीसगढ़ के ग्रोथ को बढाएगा। उन्होंने बताया कि वे विशाखापट्नम गए थे, तब चंद्रबाबू नायडु सीएम थे। उन्होंने कहा कि रायपुर के पास सबसे बड़ा विशाखापट्नम पोर्ट है, लेकिन रेलवे और रोड ट्रैफिक जाम है। रायपुर-विशाखापट्नम रोड बनाओ। यह 16 हजार करोड़ का काम है। इससे रायपुर और विशाखापट्नम की दूरी 200 किलोमीटर कम होगी। खनिज संपत्ति पूरी दुनिया में जाएगी। यह रोड रायपुर धमतरी कांकेर कोंडागांव नबरंगपुर विजयनगरम होकर जाएगा। यह विकास का पथ बनेगा। रायपुर से धनबाद तक दूसरा कॉरिडोर बना रहे हैं। यह योजना 707 किलोमीटर है।
सबसे ज्यादा खनिज संपत्ति छत्तीसगढ़ में है। इसका वैल्यू एडिशन छत्तीसगढ़ में होगा तो और ज्यादा विकास हो सकता है। किसी भी राज्य के विकास के लिए वाटर, पॉवर, ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशन जरूरी है, ये होंगे तो उद्योग आते हैं और कृषि का विकास होता है। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन केनेडी का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका धनवान है, इसलिए अमेरिका के रास्ते अच्छे नहीं, बल्कि अमेरिका के रास्ते अच्छे हैं, इसलिए अमेरिका धनवान है।
रोजगार से खत्म होगा माओवाद
गडकरी ने कहा कि माओवादियों को समाप्त करना है तो रोजगार खड़ा करें, उद्योग खड़ा करें। हमने ट्राइबल सेक्टर को ज्यादा प्राथमिकता दी है। ट्राइबल का विकास होगा तो देश का विकास होगा।
आपने जो मांग की है, उसे प्राथमिकता देंगे। ग्लास फाइबर का स्टील लाया है। इसे यूज करेंगे। स्टील फाइबर में ज्यादा कास्ट लगता है। यह छत्तीसगढ़ में हो सकता है। इसमें प्रपोजल बनाकर भेजिए पूरा सपोर्ट करेंगे।
ऐसी बनी ग्राम सडक़ योजना
गडकरी न कहा कि किसानों के विकास के लिए गांवों को जोडऩा आवश्यक है। अटलबिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, जब मैं पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर था। उन्होंने दिल्ली बुलाया और कहा कि 6.50 लाख गांवों के लिए रोड नहीं है। बच्चे स्कूल नहीं जा सकते। किसान अपनी उपज शहर तक नहीं ले जा सकता है, इसलिए हमारे किसान पिछे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि इस काम की जिम्मेदारी लो, तब मेरी उम्र 36 साल थी। मेरी अध्यक्षता में कमेटी बनी। तीन महीने के बाद एक रिपोर्ट लेकर वाजेपयी के पास गया। नीति आयोग के एक सदस्य थे, उन्होंने कहा कि गांवों को जोडऩा राज्य सरकार का काम है। यह सुनकर मेरा चेहरा छोटा हो गया। मैंने अटलजी की ओर देखा। मैंने कहा कि चुनाव आपको लडऩा है, इन्हें नहीं। कानून बनाने वाले आप ही हैं। आपको ही निर्णय करना चाहिए। मीटिंग खत्म हुई और मैं निकल गया। बाद में वाजपेयी जी ने बुलाया और कहा कि काम क्यों नहीं हो रहा। मैंने कहा आप पीएम हैं। उसी समय उन्होंने कैबिनेट सेक्रेटरी सहित सबको बुलाया। 15 दिन के बाद राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने लाल किले से पीएम सडक़ योजना का ऐलान किया।