रायपुर
![आर्थिक रूप से स्वतंत्र एवं बाजार उपलब्ध हो तो महिलाएं बड़ी भूमिका निभा सकती हैं—हर्षा आर्थिक रूप से स्वतंत्र एवं बाजार उपलब्ध हो तो महिलाएं बड़ी भूमिका निभा सकती हैं—हर्षा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16505472282.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 21 अप्रैल। ग्राम पंचायत पतोरा के आश्रित ग्राम देऊरझाल में नाबार्ड द्वारा स्वीकृत परिपक्व महिला स्वयं सहायता समूह के लिए चयनित सूक्ष्म उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत पाटन छत्तीसगढ़ी ग्रामीण जन विकास सेवा संस्थान ग्राम ढौर को यह कार्यक्रम ग्राम गब्दी एवं देऊरझाल के महिला स्वयं सहायता समूह को मशरूम प्रशिक्षण दिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है। इसमें इन दोनों ग्राम के महिला स्वयं सहायता समूह मशरूम प्रशिक्षण में 13 दिन तक भाग लिया। मुख्यातिथि हर्षा चन्द्राकर सदस्य जिला पंचायत दुर्ग थी, साथ मे राणा डिडिएम नाबार्ड, चंद्रावती कुर्रे पूर्व जनपद सदस्य पाटन थी। इस अवसर पर महिला बहनों को संबोधित करते हुए हर्षा चन्द्राकर ने कहा कि मानवता की प्रगति महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना अधूरी है।
आज मुद्दा महिलाओं के विकास का नहीं, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का है। प्रत्येक महिला में उद्यमिता के गुण और मूल्य होते हैं। यदि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र एव बाजार उपलब्ध हों तो महिलाएं निर्णय प्रक्रिया में बड़ी भूमिका अदा कर सकती हैं। नाबार्ड के डीजीएम ने कहा कि उद्यम लगाने नाबार्ड कई प्रकार से सहयोग करती है खासकर महिलाएं किसी उद्द्योग के लिए कर्ज लेती है तो उन्हें कर्ज में सामान्य से अधिक छूट शासन की ओर से दिया जाता है। चंद्रावती कुर्रे ने कहा कि महिलाएं अगर ठान ले तो हर कार्य को संभव कर सकती है 13 दिनों के इस प्रशिक्षण को जाया मत जाने देना सभी को लगातार इसका लाभ लेना है और मसरूम उत्पादन करना है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम गब्दी के संतो बाई ठाकुर, गायत्री ठाकुर, सविता देशलहरे, रेणुका नेताम, दुलेश्वरी मंडावी, चंद्रिका नेताम, पांचों पटेल, छामेशवरी, पूजा सारथी, ओमिन निर्मलकर, नितेश्वरी साहू, प्रेमिन यादव, यामिनी यादव, सीमा मंडावी, लक्ष्मी मंडावी, रमतूल्ला, मीराबाई यादव, डिलेश्चरी चेलक, कीर्ति चेलक, बसंती दोहरे, कविता चेलक, हेमिन निर्मलकर, रत्ना नेताम, आशा ठाकुर, आदि उपस्थित थे।