रायपुर
![आईटीएमएस सिस्टम: थर्ड फेस में नए सिग्नल के साथ बढ़ेगी कैमरे की जद आईटीएमएस सिस्टम: थर्ड फेस में नए सिग्नल के साथ बढ़ेगी कैमरे की जद](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1650632983tms.jpg)
शहर में नियम तोडऩे वालों पर पहले से ज्याद सख्ती
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 22 अप्रैल। शहर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से तैयार आईटीएमएस सिस्टम से यातायात विभाग को कार्रवाई करने में सहूलियत है कि अब थर्ड फेस का इंतजार है। यातायात विभाग ने कैमरों की निगरानी का सिस्टम सफल होने के बाद अब नए सिग्नल की डिमांड की है। साथ ही नए जगहों में कैमरा लगाकर इंटीग्रेटेड तकनीक लगाने स्मार्ट सिटी को प्रस्ताव भेजा है।
यातायात विभाग को उम्मीद है केंद्र से स्मार्ट सिटी के लिए फंड जारी होते ही शहर में थर्ड फेस से शहर का चारों कोना कैमरों की निगरानी से घिरेगा। अगर कोई भी वाहन चालक लापरवाही बरतेगा वहां से हाइटेक तरीके से सख्ती बरतने के साथ चालानी कार्रवाई होगी। शहर में फस्ट और सेकंड फेस में मिलाकर करीब 800 कैमरे लगाए गए हैं। ऑन लाइन चालान की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इन्हीं कैमरों में लापरवाह चालकों के कैद होने के बाद गाड़ी नंबर के आधार पर घर तक चालान पहुंचाया जा रहा है। दो हजार से ज्यादा वाहन चालकों पर ऑन लाइन कार्रवाई हुई है। शहर का दायरा बढऩे के बाद यातायात विभाग ने दस नए सिग्नल मंजूर किया है। नगर निगम के दायरे से बाहर मंदिर हसौद चौक में सिग्नल लगाने का भी प्रस्ताव भेजा है। शहर व इससे लगे हिस्सों में गोंदवारा, कमल विहार, अम्लीडीह, एमएमआई चौक, व्यास तालाब के पास के क्षेत्र शामिल किए गए हैं। यातायात विभाग ने गाडिय़ों के लोड के आधार पर तकनीकी रूप से सिस्टम को दुरूस्थ करने के लिए नया प्रस्ताव स्मार्ट सिटी को सौंपा है।
175 करोड़ रुपये खर्च
फस्ट और सेकंड फेस में इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम बनाने के लिए लगभग 175 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। नए सिग्नल और कैमरों का जाल बिछाने के साथ इसे कमांडिंग सेंटर से जोड़ा जाएगा। इसके लिए लगभग बीस से तीस करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिसके बाद सीमित दायरे के बजाए शहर का लगभग सभी हिस्सा यातायात विभाग की निगरानी में होगा। हाइवे में लापरवाही बरतने वाले भी घेरे में आएंगे।
सडक़ों पर मार्किंग नहीं
स्मार्ट सिटी को हाल में सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में दिए गए सुझावों में यातायात विभाग ने सडक़ मार्किंग को लेकर चिंता जाहिर की है। मार्गों में मार्किंग नहीं होने से हादसे की आशंका है। सुधार के लिए भेजे गए सुझाव में मुख्य रूप से सिग्नल लगे चौक चौराहों पर स्टाप लाइन, जेब्रा क्रासिंगे मार्किंग के लिए कहा गया है। वहीं केबलिंग वर्क के चलते सडक़ों पर खोदे गए गड्ढों की स्थिति सुधारने निर्देश दिए गए हैं।
पहले और दूसरे चरण में आईटीएमएस सिस्टम में लगाए गए कैमरों से विभाग को कार्रवाई करने में काफी सहूलियत मिली है। थर्ड फेस का इंतजार है। जिसमें कुछ और जगहों पर नए सिग्नल के साथ तकनीकी प्रयोग किए जाएंगे। प्रस्ताव स्मार्ट सिटी को भेजा है।
- सतीश सिंह ठाकुर, डीएसपी