रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 अप्रैल। मंत्रालय के कर्मचारी जल जनित बिमारियों से परेशान है। हर विभाग में 2-3 कर्मचारी डी हाईड्रेशन, उल्टी, पेट की अन्य तकलीफों के चलते आये दिन छुटटी पर रहने लगे हैं। इसका मुख्य कारण मंत्रालय में एनआरडीए द्वारा गंदा और बदबूदार जलापूर्ति की जा रही है। यह पानी नया रायपुर के आवासीय सेक्टर 17, 19 और 27 में भी दिया जा रहा है।
महानदी और इंद्रावती भवनों को जलापूर्ति महानदी के टीला एनीकट से होता है। कर्मचारियों की शिकायत है कि पिछले एक माह से संघ के नेता एनआरडीए और पर्यावरण संरक्षण मंडल के अफसरों को इसकी जानकारी दे रहे है। किंतु सभी अपना पल्ला झाड़ रहे है। मंत्रालय के हर फलोर में 3-4 वॉटर मशीने लगी हैं। इनकी भी सफाई नही हो पाती है। मंत्रालय में दिया जा रहा है काला और बदबूदार है। इस संबध मे एनआरडीए, पर्यावरण मंडल के अफसरों का कहना है कि नदी से ही पानी गंदा आ रहा है। उसको फिल्टर कौन करेगा इसका जवाब अफसरों के पास नही है। इसके उलट पीएचई वाले पानी का सैंपल लेते हैं लेकिन वे पानी की गुणवत्ता और शुद्धता को लेकर कोई रिर्पोट नही देते है। संघ की संयुक्त सचिव कांति का कहना है कि जल्द यह समस्या न सुलझी तो सभी कर्मचारी एक दिन प्रर्दशन करेंगे। अफसरों के लिए तो बिसलेरी ,किनन्ले के फिल्टर बॉटल मंगवाया जाता है कर्मचारियों को गंदा पानी पीने को मजबूर किया जा रहा है। इस संबध में एनआडीए के सीई अनिल श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ से कहा कि पानी की शुद्धता के लिए कार्यवाही की जा रही है।