गरियाबंद

महाप्रभु वल्लभाचार्यजी का 545 वां प्राकट्य उत्सव
23-Apr-2022 4:02 PM
महाप्रभु वल्लभाचार्यजी का 545 वां प्राकट्य उत्सव

नवापारा-राजिम, 23 अप्रैल ।  महाप्रभु वल्लभाचार्य जी का 545 वां जन्म दिवस बड़े धूमधाम से प्राकट्य स्थल चंपारण में मनाया जा रहा है। महाप्रभु बैठकजी ट्रस्ट कमेटी के मैनेजिंग डायरेक्टर कमलभाई अडिय़ा ने जानकारी दी कि महाप्रभुजी की प्रात: 5 बजे पूरे वन की परिक्रमा जो 5-6 किमी होगी वैष्णवजन के साथ साथ गादीपति व्दारकेशलालजी एवं राजू भैया इस शोभायात्रा में विशेष रूप से शामिल होंगे।

गादीपति व्दारेकेशलालजी 21 अप्रेल को हवाईजहाज से संध्या 5 बजे चंपारण पहुंचे चुके हैं। शोभायात्रा व्दारकेश भवन से निकाली जाएगी। जिसमें भारतवर्ष एवं जगह जगह से वैष्णवजन विशेष ब्रजवासी परिधान में रहेंगे। उनके आगे आगे ध्वज, बैण्डबाजा एवं वैष्णवजन डांडिया नृत्य, भजन, रासगीत, भक्तिगीत गाते हुए महाप्रभुजी के यहां यज्ञ संपन्न किया था। उक्त यज्ञ कुण्ड का दर्शन करते हुए पूरे वन की परिक्रमा करते हुए महाप्रभु वल्लभाचार्य प्राकट्यस्थल बैठकजी मंदिर पहुंचेंगे।

श्री अडिय़ा ने बताया कि 24 अप्रेल को पुनवरा का दर्शन दोपहर 1 बजे बैठकजी में, 25 अप्रेल को शाम को बैठकजी में मनोरथ के दर्शन, 26 अप्रेल को शोभायात्रा, परिक्रमा प्रात: 5 बजे, नंद महोत्सव 12.30 बजे से 1 बजे तक तलहटी चौक में, महाप्रभु वल्लभाचार्यजी का तिलक दर्शन दोप. 4 बजे वहीं दोपहर में एकादशी का फलाहारी भोजन, शाम को गिरी कंदरा का मनोरथ रात्रि 8 बजे होगा।
 

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