रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 अप्रैल। बीते कऱीब एक महिने से अधिक समय से नियमितीकरण की माँग को लेकर बूढा तालाब धरना स्थल पर आंदोलन रत संविदा विद्युत कर्मी पर शनिवार सुबह पुलिस टूट पड़ी पुलिस ने लाठियाँ भांजी और कऱीब 41 लोगों को गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल ले गई।
आंदोलनकारी कल से मुख्यमंत्री निवास का घेराव करना चाह रहे थे। कल आंदोलनकारियों का समूह धरना स्थल से थोड़ा आगे स्मार्ट सिटी कार्यालय के पास पहुँचा तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया था। नाराज़ आंदोलित संविदा कर्मचारी वहीं सडक़ पर बैठ गए और उन्होंने पूरी रात सडक़ पर ही गुज़ार दी।देर रात से लेकर तडक़े तक सडक़ बाधित होने का हवाला देते हुए पुलिस ने हटाने और वापस धरना स्थल पर भेजने की कोशिश की लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने। सुबह पुलिस पहुँची और उसने लाठियाँ भांजते हुए आंदोलनकारियों को बलपूर्वक हिरासत में लेकर पुलिस गाड़ी में भरकर सीधे जेल परिसर पहुँचा दिया।
कंपनी का कहना है कि-इस मामले मे बिजली वितरण कंपनी का तर्क है कि, संविदा कर्मचारियो में कई भू विस्थापन से जुड़े हैं, सीधी भर्ती के माध्यम से इनकी भी भर्ती की कोशिश की गई थी।सीधी भर्ती में इन्हें तीन वर्ष से उपर कार्यरत होने की दशा में तीस अंक बोनस देने का प्रावधान रखा गया था लेकिन इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर हो गई और बीते 7 मार्च को हाईकोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया ही ख़ारिज कर दी और नंबर दिए जाने को भी प्रश्नांकित कर दिया।
कंपनी की यह भी दलील है कि संविदा कर्मचारियों का वेतन 8000 से बढ़ाकर 13000 कर दिया गया,वहीं काम के दौरान मौत होने पर मुआवज़ा जो पहले पाँच लाख था उसे पंद्रह लाख कर दिया गया, और उपचार के लिए स्पष्ट किया गया कि, उपचार में खर्च चाहे जितना हो उसे कंपनी वहन करेगी।कंपनी का दावा है कि, इस बीच में संवाद लगातार हुआ लेकिन आंदोलित कर्मचारी नहीं माने।