रायपुर

टिकैत की सभा कयाबांधा में, सौ किसान शामिल हो सकेंगे
25-Apr-2022 6:36 PM
टिकैत की सभा कयाबांधा में, सौ किसान शामिल हो सकेंगे

प्रशासन ने सभी के नाम मांगे, किसानों की गांव-गांव में बैठकें जारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 25 अपै्रल।  नवा रायपुर प्रभावित किसान प्रतिनिधि और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठक हुई. किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल के साथ एसडीएम गोपाल वर्मा, आर. एन साहू, एसडीएम अतुल श्रीवास्तव, एडिशन एसपी तारकेश्वर पटेल मौजूद रहे. इस दौरान राष्ट्रीय किसान नेता राकेश टिकैत के कार्यक्रम की जानकारी मांगी गई.

नवा रायपुर प्रभावित किसान संघ के अध्यक्ष रूपन लाल चंद्राकर ने कहा कि राज्य सरकार की दमनकारी नीति है. यदि हम बगैर परमिशन के बैठते तो 28 दिसंबर 2021 को हमने जब महापंचायत कर एनआरडीए परिसर में धरना देने का निर्णय लिया था.

हमें उस वक्त बैठने की अनुमति क्यों दी गई, लेकिन आज 110 दिन बाद इन्होंने रात के अंधेरे में हमारे सामानों को निकालकर बाहर करा दिया. धारा 144 का हवाला देकर बाहर निकाल दिया जाता है.

आज यहां राकेश टिकैत के अकार्यक्रम की जानकारी मांगी गई है. हमने पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी है. उसी जगह पर अपना प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी है. राकेश टिकैत हमारे कार्यक्रम में आएंगे ही, क्योंकि वो किसानों के राष्ट्रीय नेता हैं. हम भी एक किसान हैं. सरकार चाहे जितना दमन करे. आंदोलन होगा, हम राजनीतिक दल के व्यक्ति नहीं है, हम असली गांधीवादी लोग हैं.

एसडीएम  गोपाल वर्मा ने कहा कि किसान प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक की गई है। राकेश टिकैत के  कार्यक्रम की जानकारी ली गई है. साथ ही  जिला प्रशासन की ओर से जारी धरना प्रदर्शनों के लिए अनुमति फॉर्म दिया गया है, जिसे भरकर अनुमति मांगी जाएगी। नये फार्मेट के अनुसार इस प्रदर्शन में अधिकतम सौ लोग ही शामिल हो सकेंगे।  इन सभी के नाम भी देने होंगे।

इससे पहले रविवार तडक़े प्रशासन ने किसानों को एनआरडीए परिसर से जबरन हटा दिया था। अब किसान वहां से हटकर कयाबांधा गांव के बाहर आम के बगीचे में बैठ गए हैं। इसी स्थान पर सोमवार को दोपहर में सभी प्रभावित ग्रामीणों की एक पंचायत होनी है।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, प्रशासन ने किसान आंदोलन पर हमला किया है। इससे लोगों में नाराजगी है। मांग पूरी होने तक किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। वहां से हटने के बाद हम लोग कयाबांधा गांव के बाहर बगीचे में इकट्?ठे हुए हैं। वहां पहले भी संगठन की बैठक और धरने आदि होते रहे हैं। रविवार को वहां एक बड़ी बैठक हुई है। वहां आंदोलन की आगे की रणनीति पर शुरुआती चर्चा हुई है। रात में भी गांवों में बैठकें हुई हैं। सोमवार को कयाबांधा के बगीचे में ही सभी ग्रामीणों की एक पंचायत बुलाई गई है। इस पंचायत में आंदोलन की रणनीति और दिशा तय किया जाना है।

अभी तक नहीं दी जप्ती की सूची

किसानों का कहना है कि प्रशासन ने अभी तक उन लोगों को धरना स्थल से जप्त सामानों की सूची नहीं दी है। आंदोलनकारियों ने राखी थाने से इसकी मांग भी की है। रूपन चंद्राकर का दावा है कि प्रशासन ने उनके आंदोलन से करीब 20 लाख रुपए की सामग्री अपने कब्जे में ली है। इसमें करीब एक लाख रुपए नकद, 6 कूलर, आवश्यक कागजात, टेंट, बिस्तर, माइक, साउंड, बिजली के सामान, दरी आदि शामिल है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news