रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 अप्रैल। रायपुरा स्थित 29 एकड़ जमीन हड़पने के लिए फर्जीवाड़ा करने का केस फूटा है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के आधार पर 12 लोगों को आरोपी बनाया है अब इस मामले में दस्तावेजों की एक्सपर्ट जांच का फैसला लिया गया है।
फर्जी हस्ताक्षर नुमना जांच के लिए हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की मदद लेकर साक्ष्य जुटाए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक करोड़ों रुपये की जमीन को फर्जी दास्तावेज तैयार कर अपने नाम करने कूटरचना की गई। मामले का खुलासा होने के बाद 3 महिलाओं समेत 12 लोगों के खिलाफ गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज किया गया। चौबे कॉलोनी में रहने वाले संकेत कुमार दफ्तरी की शिकायत के बाद तहसील दफ्तर से अतितिक्त तहसीलदार ज्योति सिंह ने इस मामले की जांच के लिए प्रकरण गोलबाजार थाने को भेजा था। दास्तावेजों की जांच करने के लिए नामांतरण के भी निकलवाए गए। जो रजिस्ट्री सामने आई उसमें जमीन मालिक के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर दोनों मिले। रजिस्ट्री दस्तावेज में अंगूठा लगाने वाले का नाम तक नहीं लिखा गया था। रायपुरा की इस जमीन की मुख्य मालिक स्वर्गीय रतन बाई बेगानी को बताया गया है। मालूम हुआ है उनकी मृत्यु के बाद इस जमीन के असली मालिक निर्मला बैद, प्रमिला दफ्तरी और मंजुला मेहता हैं। यह तीनों पश्चिम बंगाल, महारा और मध्यप्रदेश में रहते हैं। स्टेशन रोड में रहने वाले विक्रम भट्ट, बालाघाट के अभिषेक सराफ, कमल चंद डागा, लोकेश जैन, नीलेश जैन सदरबाजार, करनलाल नागपुरे, सुगरता नागपुरे, सुमीता माहले, उर्मिला ढेकवार, बृजेश गुप्ता, मनोज कुमार ‘जैना और शिव सिंग ठाकुर नामक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पने की कोशिश की। इन सभी के खिलाफ गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।