रायपुर

एयरपोर्ट की भूमि राज्य की होती है इसलिए निजीकरण से मिलने वाली राशि भी दी जाए
26-Apr-2022 5:23 PM
एयरपोर्ट की भूमि राज्य की होती है इसलिए निजीकरण से मिलने वाली राशि भी दी जाए

छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 26अप्रैल। छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों ने हवाईअड्डों के निजी करण पर राजस्व में हिस्सा मांगा है। छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ तमिलनाडु ने मांग किया है कि जब भी केंद्र सरकार किसी राज्य में किसी हवाईअड्डे का निजीकरण करे, तो राज्य सरकार को भी राजस्व में हिस्सा मिलना चाहिए।

अप्रैल की शुरुआत में जारी एक नीति नोट में, तमिलनाडु ने कहा कि अगर राज्य सरकार केंद्र द्वारा संचालित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को मुफ्त में जमीन का आवंटन और हस्तांतरण करती है और अगर एएआई या केंद्र उस जमीन को तीसरे पक्ष को सौंपता है तो उससे अजिज़्त राजस्व को राज्य सरकार के साथ साझा किया जाना चाहिए। एएआई के बोर्ड ने सितंबर 2021 में तमिलनाडु के त्रिची और छत्तीसगढ़ के रायपुर सहित 13 हवाईअड्डोंं के निजीकरण को मंजूरी दी थी।

इन हवाईअड्डों के मौद्रीकरण का हुआ है निर्णय

2021 में जारी राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के मुताबिक, एएआई द्वारा संचालित 25 हवाईअड्डों के संपत्ति मौद्रीकरण का निर्णय लिया गया था। इनमें भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयंबटूर, नागपुर, पटना, मदुरै, सूरत, रांची जोधपुर, चेन्नई, विजयवाड़ा, वडोदरा, भोपाल, तिरुपति, हुबली, इंफाल, अगरतला, उदयपुर, देहरादून और राजमुंदरी शामिल हैं। केंद्र ने 2019 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी के हवाईअड्डों का निजीकरण किया था। अडाणी समूह ने सभी छह हवाईअड्डों के संचालन की बोली जीती थी।

राज्य को जमीन का मूल्य दिया जाए

मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि भूमि राज्य का संसाधन है और जब राज्य और केंद्र एक परियोजना विकसित करने के लिए साथ काम करते हैं तो राज्य सरकार की उसमें अंशधारक के तौर पर पूंजी लगी होती है, क्योंकि भूमि राज्य सरकार की होती है। जब तक यह सरकारी क्षेत्र में है तो भारत सरकार जो भी राजस्व कमा रही होगी और इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव राज्य सरकार पर भी पड़ेगा और जनता को लाभ होगा, इसलिए वह ठीक है। अब जब आप इसे किसी तीसरी संस्था को बेच रहे हैं जो एक निजी पक्ष है, तो आप कंपनी की संपत्ति बेच रहे हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे के अलावा जमीन भी शामिल है। इसलिए राज्य सरकार को जमीन का मूल्य दिया जाए।

सिंहदेव ने कहा कि जब बिक्री की बात आती है तो बिक्री पूरी संपत्ति के मूल्यांकन के माध्यम से होगी, जिसमें भूमि का बिक्री मूल्य शामिल होगा तथा राज्य को उसका हिस्सा मिलना चाहिए। भारत सरकार बुनियादी ढांचे के मामले में पूंजी लगाती है और राज्य सरकार अपनी पूंजी के तौर पर भूमि देती है। उन्होंने कहा कि जब ऐसे उद्यम को तीसरे पक्ष और वह भी निजी कंपनी को बेचा जाता है तो भूमि का मूल्य राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए।

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