रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। प्रदेशभर में चिटफंड कारोबार को अंजाम देने वाले ऐसे आरोपी जो अब तक रायपुर जिले के मामलों में फरार हैं उनकी खोजबीन के लिए पुलिस ने दूसरे जिलों में जेल दाखिल आरोपियों के बीच पतासाजी तेज कर दी है। केंद्रीय जेलों में बंद होने वाले डायरेक्टरों की जानकारी लेकर उन्हें रायपुर से जुड़े मामलों में गिरफ्तार करने बल्क में प्रोडक्शन वारंट हासिल करने की भी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। इसी कड़ी में पुलिस ने शुक्रवार को एक मामले में आरोपियों को जशपुर जेल दाखिल होने के बाद उन्हें रायपुर से जुड़े मामले में गिरफ्तार करने प्रोडक्शन वारंट हासिल किया। पुलिस के रिकार्ड में बताया गया है कि अभी भी लगभग 20 ऐसे डायरेक्टर हैं जो शिकायत के बाद भी रायपुर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। प्रदेश के दूसरे जिलों में इनकी शिकायत होने के बाद वहां की लोकल पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बकायदा उनकी गिरफ्तारी की है। जिलों से चिटफंड कारोबार और फिर उनसे जुड़े रहने वाले आरोपियों की खोजबीन तेज करने कहा गया है। ऐसे डायरेक्टर व सहयोगी जो दूसरे जिलों में बंद किए गए, जानकारी आने के बाद में उनसे रायपुर के मामलों में भी पूछताछ होगी।
लाखों रूपये की ठगी करने वाले गुरूकृपा इन्फ्राटेक्चर चिटफण्ड कंपनी के 03 डायरेक्टर्स गिरफ्तार हुए हैं। आरोपियों ने अजीत टावर में गुरूकृपा इन्फ्राटेक्चर नामक चिटफण्ड कंपनी के लिए दफ्तर खोल रखा था। 2017 से लेकर लुभावनी स्कीमें देते हुए कइयों को अपने जाल में फांसा। जशपुर में भी जाकर फर्जीवाड़ा किया जहां लोकल पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा। इसकी सूचना जब रायपुर पुलिस को मिली तो तत्काल डायरेक्टर व सहयोगी को प्रोडक्शन वारंट लेकर कस्टडी में लिया। गुरूकृपा चिटफंड कंपनी के डयरेक्टर व प्रमुख लोगों में पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों के नाम अविनाश कुमार चन्द्रवंशी शंकर नगर थाना खम्हारडीह, दिलीप कुमार देवांगन दलदल सिवनी और वीरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू पिरदा हाउसिंग बोर्ड कालोनी बताया गया है। तीनों आरोपियों ने चिटफंड कारोार का तगड़ा नेटवर्क बनाया था।