रायपुर

अक्षय तृतीया वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था, विवाह के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त
02-May-2022 5:01 PM
अक्षय तृतीया वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था, विवाह के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 मई। 
सनातन धर्म में अक्षय तृतीया पुण्य पर्व है। इस बार वैशाख शुक्ल तृतीया कल तीन मई मंगलवार को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ शोभन योग के अलावा सिद्धयोग विद्यमान रहेगा। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त है, तथा इस तिथि पर किया गया स्नान , दान , व्रत , पूजा - पाठ , धार्मिक अनुष्ठान , शुभ कार्य आदि करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं । इस दिन नदियों  तीर्थो में स्नान कर पितरो को मिटटी के घड़ो में जल भर कर तरपझा करने से पुण्यफल प्राप्त होते है। धरती पूजन के साथ ही दान - पुण्य व सोना खरीदने की प्राचीन परम्परा है । छत्तीसगढ़ मे किसान इस दिन धरती मां का विधि विधान से पूजन - अर्चन कर वर्ष भर अन्न प्रदान करने की मन्नते मांगते हैं । बच्चों के द्वारा मिटटी के गुडडे - गुडिया का विवाह रचाया जाता है इस दिन को भगवान परशुराम की जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सोना,चंादी, खरिदना शुभ माना जाता है । पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन सतयुग व त्रेता युग का आरंभ और महाभारत का अंत हुआ था ।

पं. राकेश महराज ने बताया कि हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया पावन पर्व है। अक्षय का अर्थ होता है जो कभी खत्म न हो और इसलिए ऐसा कहा जाता है कि अक्षय तृतीया यह वह तिथि है जिसमें सौभाग्य और शुभ फल का कभी क्षय नहीं होता है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मनुष्य जितने भी पुण्य कर्म तथा दान करता है , उसे उसका शुभ फल अधिक मात्रा में मिलता है और शुभ फल का प्रभाव कभी खत्म नहीं होता है । पौराणिक कथा के अनुसार साथ ही पाप नाशिनी मां गंगा व मां अन्नपूर्णा का अवतरण भी त्रेतायुग में इसी तिथि को हुआ था । महर्षि वेदव्यास ने इसी दिन से महाभारत लिखना शुरू किया था। इस दिन ही युधिष्ठिर को ‘ अक्षय पात्र की प्राप्ति हुई थी। इस दिन ही बद्री केदारनाथ की यात्रा भी शुरू होती है। मान्यता है कि इस तिथि को गृहप्रवेश , नींव पूजा , नए कारोबार की शुरूआत वाहन खरीदने आदि के लिए यह तिथि उपयुक्त मानी जाती है।

अक्षय तृतीया पर सत्तू , जल , गुड़ , भोजन सामग्री आदि का दान अक्षय पुण्य प्राप्त होता है , जो हमेशा अक्षुण्ण रहता है। स्वर्ण या आभूषण की खरीदारी बेहद शुभ मानी गयी है । इससे घर में सुख समृद्धि और लक्ष्मी का वास होता है । पीली सरसों- मु_ी भर पीली सरसों इस दिन घर लाने से मां लक्ष्मी का आशीष मिलता है । कपास- अक्षय तृतीया पर कपास यानी रुई लाना शुभ माना गया है । इसके अलावा हल्दी, कमलगट्टा , धनिया , कौरी की खरीदारी शुभ होता है ।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news