रायपुर

तीन साल से नही बढ़ा वेतन, मुख्य सचिव की समिति भी नहीं बनी इसलिए हड़ताल भी जारी रहेगी
04-May-2022 6:05 PM
तीन साल से नही बढ़ा वेतन, मुख्य सचिव की समिति भी नहीं बनी इसलिए हड़ताल भी जारी रहेगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 4 मई। छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी ने पत्रकारवार्ता में कहा कि नियमित कर्मचारी के अलावा अन्य विभागों में संविदा पर कार्यरत अन्य कर्मचारियों के वेतन समय समय पर निर्धारित मापदंड अनुसार वेतनवृद्धि होते रहते है किंतु मनरेगाकर्मियों का वेतन साढ़े 3 वर्षों से नहीं बढ़ा है। मनरेगाकर्मियों के हड़ताल से चरमराई ग्रामीण अर्थव्यवस्था छत्तीसगढ़ प्रदेशभर में ग्राम पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक के मनरेगाकर्मी 4 अप्रैल से हड़ताल पर है । आज हड़ताल को 1 माह पूरे हो चुके हैं । मनरेगा की प्रतिदिन की मजदूरी 204 रुपये है और हड़ताल से पहले प्रदेश में औसतन प्रतिदिन 11 लाख मनरेगा मजदूर कार्य कर रहे थे । हड़तात नहीं होती तो प्रदेश के इन मनरेगा मजदूरों को मजदूरी मद में लगभग 800 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका होता। पूरी राशि प्रदेश को मनरेगा में भारत सरकार से सीधे मिलती है।

अग्रिवंशी ने बताया कि कोरोना काल में ग्रामीण अर्थव्यस्था के लिए संजीवनी बनी मनरेगा हड़ताल के कारण निष्प्रभावी हो गई है , जिसका सीधा असर ग्रामीण जन जीवन पर पड़ रहा है । प्रशासन की बेरुखी से मजदूर बेहाल पलायन को मजबूर विश्वस्त सूत्रों की माने तो मनरेगा कर्मियों के हड़ताल को लेकर प्रशासन का रवैया शुरुआती दौर से बेरुखी पूर्ण रहा है। छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ की 02 सूत्रीय मांग चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाऐ। नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू की जाये । मुख्यमंत्री की घोषणा  के बाद अब तक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन नहीं किया गया है। इसलिए महासंघ ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि हड़ताल निरंतर जारी रहेगा।

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