रायपुर
![10 के फटे-पुराने नोट ही चलन में 10 के फटे-पुराने नोट ही चलन में](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16517545240-Rupya.gif)
नए नोट नदारद, आरबीआई का कहना-जारी हो रहे नए नोट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मई। बाजारों में इन दिनों चिल्लहर की समस्या फिर खड़ी हो गई है। सब्जी से लेकर किराना तक दस के नोटो की किल्लत से गुजर रहा है बाजार में 10 रुपए के नए नोट आना बंद हैं । बैको मे भी दस के नए नोट नही जिसकी वजह से व्यपारी दस और पांच के पुराने कटेफटे नोट चला रहे है। सब्जी खरीदना , दूध लेना हो ,चाकलेट , बिस्किट सहित अन्य छोटे - छोटे सामान की खरीदारी में इसका चलन है। जादातर लेन देन में दस और पांच के नोटों का उपयोग होता है। इस कारण दस और पांच के नोट जल्दी खराब हो जाते है। बाजार में पांच के सिक्को का चलन तो है। लेकिन दस के सिक्के बाजार से नदारद है। आरबीआई से 20 रुपए , 50 रुपए , 100 रुपए और 500 रुपए के नए नोट मिल रहे हैं , लेकिन दस रुपए के नोट बंद हैं । ढाई साल से बैंकों की ब्रांचों को दस और पांच के नए नोट नहीं मिले हैं । बैंकों के जरिए ग्राहकों को दस रुपए के नए नोट नहीं पहुंच रहे हैं । स्थिति यह है कि बाजार में जो भी लेन देन हो रहा है और पुराने नोटों से हो रहा है। बाजार में दस के नोटो का चलन है। लेकिन बाजार में जो भी नोट है वो पुराने हो गऐ हैं या तो कटे-फटे है। जिसकी वजह से आये दिन दूकानदार और ग्राहक के बीच बहस भी हो जाती है। सब्जी , दूध , फल सहित अन्य रोजमर्रा की खरीदी छोटे नोटों से होती है । खासकर दस रुपए के नोट से । इससे यह जल्दी फट जाते हैं ।
आरबीआई के स्थानीय अधिकारी का कहना है कि बाजार में दस के नोटों की समस्या को देखते हुए आरबीआई दस के नये नोट जारी करती रही है। बाजार मे इसकी कोई किल्लत नही है। अभी तक आरबीआई की ओर से पुराने नोटो की वापसी को लेकर कोई आदेश जारी नही किया गया है।
दस रुपए का एक नोट बनाने में 1.01 रुपए खर्च होते हैं । ज्यादा चलन होने से अधिकतम दो साल के भीतर दस रुपए का नोट खराब हो जाते है । वहीं एक सिक्का ढालने में 5.54 रुपए खर्च होते हैं । ये खराब नहीं होते हैं । चूंकि बाजार में दस रुपए की करेंसी का ज्यादा चलन है । इससे बैंकों का पूरा फोकस दस रुपए के सिक्कों पर है ताकि इनका चलन बढ़े और दस रुपए के नोट की छपाई का खर्च बच सके ।
शहर के बैंक ब्रांचों में 10 रुपए नए नोट नही हैं नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए थे । बाजार में करेंसी की दिक्कत ना होइसलिए आरबाआई ने बड़ी संख्या में 100 रुपए तक की करेंसी भेजी थी । बाजार में दस रुपए के सिक्कों की भरमार है । नोट बंदी के पहले बाजार में जहां सिक्कों की कमी थी और दस फीसदी राशि अधिक देने पर सिक्के मिल रहे थे । अब बैंकों के यह हाल है कि सिक्के लेने कोई नहीं आ रहा ।