रायपुर

कारोबार भी अच्छा चल रहा था जितेंद्र का...लेकिन मौत के बाद मालूम हुआ कर्ज के साथ बढ़ता गया तनाव'
06-May-2022 7:32 PM
कारोबार भी अच्छा चल रहा था जितेंद्र का...लेकिन मौत के बाद मालूम हुआ कर्ज के साथ बढ़ता गया तनाव'

पड़ोसियों से पूछताछ करती पुलिस

लॉकडाउन में नौकरी जा चुकी थी, शुरू किया मिल्क पार्लर चल भी अच्छा रहा था फिर खुदकुशी से पड़ोसी सकते में'

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 6 मई। जितेंद्र देवांगन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ बुधवार से रायपुरा के मकान में नहीं था। वह रायपुरा के साई मंदिर के पीछे किराए के मकान में रहता था और मंदिर चौक में ही देवभोग पार्लर चलाता था। लॉक डाउन के बाद उसका कारोबार भी बढऩे लगा था और एक नए पार्लर खोलने वाला था। पड़ोसियों ने छत्तीसगढ़ को बताया कि जितेंद्र का किसी से कोई विवाद या रंजिश भी नहीं था लेकिन इस तरह से बच्चों को मारकर दंपत्ति ने जीवन लीला समाप्त कर लिया, आस पड़ोस में हर कोई सतब्ध और हैरान है।

जितेंद्र का चचेरे भाई के साथ ही उसके माता-पिता भी रायपुरा में ही रहते हैं। एकाएक मौत की खबरें सुनकर सभी गमगीन हैं। गमगीन माहौल के दौरान शुक्रवार को देवांगन निवास में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। तीन मंजिला मकान के दूसरे माले में जितेंद्र ने कमरा किराए से ले रखा था। मौत होने के बाद रायपुर के डीडी नगर थाना पुलिस ने भी घर जानकारी जानकारी जुटाई है मालूम हुआ है कारोबार में लॉक डाउन के वक्त घाटा होने से जितेंद्र पर दबाव बढ़ गया था। आस पड़ोस में जब पुलिस ने बयान लिया तब पता चला कि जितेंद्र पर घाटे के बाद से कर्ज का बोझ बढ़ा हुआ था। एक तरफ वह नए पार्लर की सोच रहा था लेकिन दूसरी तरफ कर्ज के दबाव में भी था।  आस पड़ोस से मिली जानकारी के मुताबिक जितेंद्र पहले कलर्स मॉल में काम करता था। जब लॉक डाउन लगा तभी उसकी नौकरी चली गई। इसके बाद भी जितेंद्र ने देवभोग र्पालर चलाकर किसी तरह से अपना गुजारा किया।

जितेंद्र ने अचानक यह कदम क्यों उठा लिया, इसके बारे में किसी को भी कुछ पता नहीं चला। पड़ोसियों ने बताया, परसों किसी को कुछ बताए बिना जितेंद्र परिवार के साथ निकल गया। कांकेर क्यों और कैसे गया, किसी को नहीं पता। उसने अपनी मां को धमतरी जाना कहकर परिवार समेत निकला था। देर रात तक परिजनों ने उसे फोन भी किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया।

पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि जितेन्द्र ने 2021 में लॉकडाउन के चलते नौकरी जाने के बाद भी घर में आत्महत्या की कोशिश की थी।

घर में वजह ढूंढने की कोशिश

डीडी नगर पुलिस ने जितेंद्र के घर पहुंचकर खुदकुशी के पीछे वजह ढूंढने की कोशिश की। इस दौरान उसके कमरे में भी जांच पड़ताल की। कांकेर पुलिस से संपर्क करने पर मालूम हुआ कि वहां भी जांच टीम को कोई सुसाइड नोट नहीं मिल सका। जितेेंद्र ने आखिरी बार किस-किस से बातचीत की, इस बारे में जानकारी लेने के बाद कारण स्पष्ट हो सकेगा।

तो नहीं बचा परिवार....

पत्नी सविता, बेटी गुनगुन और बेटा टुकटुक के साथ जितेंद्र की मौत के पीछे का राज आखिर उनके साथ परिवार के साथ समाप्त हो गया। देवांगन परिवार में जितेंद्र ने हमेशा अपने रिश्तेदारों से अलग रहने की सोचकर बच्चों को भी उनसे दूर रखा था। चार सदस्यीय परिवार अपनी मेहनत के दम पर पूरे लॉक डाउन में तंगी से जूझकर भी खड़ा रहा लेकिन अचानक से मौत को गले लगा लेने के फैसले ने हर एक शख्स को चौंका दिया।

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