रायपुर
![मोपेड रोककर डिक्की से बंडल निकालने की पहली घटना, स्पॉट में कैमरा नहीं, आरोपियों की खोज में पुलिस प्राइवेट मकानों की चौखट पर मोपेड रोककर डिक्की से बंडल निकालने की पहली घटना, स्पॉट में कैमरा नहीं, आरोपियों की खोज में पुलिस प्राइवेट मकानों की चौखट पर](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1652100725oot-1.gif)
जिस जगह में लूट वहां से ओवर ब्रिज का ढलान। सर्विस रोड खुल जाने के बाद गाडिय़ों की आवाजाही यहां से आम है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 मई। चूना भ_ी से लगे एक्सप्रेस वे बायपास में 10 लाख रुपये की लूट में यह साफ हो गया है कि बदमाशों को कैशियर ने मोपेड की डिक्की में ही नोटों का बंडल रखा था। 11 बजे एकाएक पैदल चल रहे दो बदमाशों ने कैशियर को रोका, इसके बाद गाड़ी की चाबी से ही डिक्की खुलवाई, इसके बाद डरा धमकाकर बंडल लूटे। तीसरा बदमाश पहले से बाइक लेकर भागने की तैयारी में था। तीनों बदमाश बाइक में फुर्र हो गए। लूटकांड के मामले में क्राइम ब्रांच की टीम तुरंत छानबीन में उतरी। जांच के दौरान मौके का बारिकी से मुआयना किया।
छत्तीसगढ़ की टीम भी उस स्पॉट में पहुंची जहां कैशियर आकाश यादव ने लूटपाट होने के बारे में बताया। एक्सप्रेस वे से स्टेशन की तरफ जाने वाले मार्ग के ठीक बाजू से अंडर ब्रिज की तरफ निकलने का रास्ता कटा हुआ है। क्राइम ब्रांच की टीम इस रास्ते में कैमरा खंगालने उतरी। दो बजे के आसपास जब टीम मौके पर पहुंची तभी वहां मेन स्पॉट में कैमरा नहीं मिलने से संकट बढ़ गया। बदमाशों की खोजबीन के लिए टीम ने दोबारा सडक़ से नीचे बने हुए मकानों की तरफ फोकस किया। एक जगह दो कैमरे देखे लेकिन मकान बंद मिला। टीम मेंबरों ने घर मालिक से बातचीत करके कमरे का ताला खुलवाया। इसके बाद कैमरे में लिए गए फुटेज की छानबीन की। पुलिस सूत्रों का कहना है दो मीटर की चाल में सिर्फ पांच स्पॉट पर कैमरे हैं जिसमें चार जगहों की जांच में कोई फायदा नहीं हुआ। यहां लगे हुए सभी कैमरे ठीक घटना के रोज बंद मिले। जिस मकान का ताला खुलवाया वहां से संदिग्धों के फुटेज मिलने की उम्मीद जताई। कैशियर के बताई हुई कहानी की सच्चाई जानने के लिए आसपास के लोगों से भी पूछताछ शुरू हुई है।
कोई साजिश तो नहीं
नगदी बड़ी रकम लूट के मामले में पुलिस ने साजिश से भी इंकार नहीं किया है। पुलिस का कहना है जिस तरह से बयान हैं और लूट का स्पाट है वह भी सवाल खड़े करने वाला है। कैशियर से बैग लूटकर भागने वालों को किसी ने नहीं देखा। यह भी है कि मोपेड होने के बाद कैशियर ने भी दौड़ नहीं लगाई। स्पाट से ठीक तीन सौ मीटर की दूरी में दोनों तरफ काफी भीड़ भाड़ का माहौल है। लूट के वक्त भी किसी राहगीर के नहीं रूके होने के सवाल भी केस में संदेह पैदा करते हैं।
अभी तक की लूट में मारा झपट्टा
हाल फिलहाल में जो लूटपाट की घटना सामने आई है उसमें बदमाशों ने झपट्टा मारा है या फिर बैग छीनकर भागे हैं। हालांकि के्राइम के पास झपट्टा मारकर छीना झपटी के ज्यादातर मामले मोबाइल फोन के ही हैं। चुना भ_ी के पास यह पहला केस है जिसमें आरोपियों ने रास्ता रूकवाया और बकायदा डिक्की खुलवाकर नगदी रकम लूटे।