रायपुर

हाईकोर्ट ने कहा-होमगार्ड का भत्ता बढ़ाए, एक माह बाद भी गृह विभाग ने आदेश जारी नहीं किया
09-May-2022 6:09 PM
हाईकोर्ट ने कहा-होमगार्ड का भत्ता बढ़ाए, एक माह बाद भी गृह विभाग ने आदेश जारी नहीं किया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 9 मई। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में प्रदेश के नगर सैनिकों (होम गार्ड) द्वारा वेतन भत्ते में बढ़ोतरी संबंधी प्रस्तुत याचिका में उच्च न्यायालय ने पारित आदेश 25 अप्रैल द्वारा छत्तीसगढ़शासन को 4 माह की समय सीमा में वेतन भत्तों में बढ़ोतरी करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने प्रतिपादित किया है, कि प्रदेश के नगर सैनिक गृह पुलिस विभाग के अंतर्गत् नियमित स्थापना में कार्यरत् आरक्षकों के समान कार्य करते है। इसलिए उनके वेतन भत्तों में निर्धारित समय सीमा में बढ़ोतरी करने संबंधी नियम बनाने का निर्देश राज्य शासन को दिया है। 

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने बताया है कि याचिकाकर्ता बालोदा निवासी डोमन लाल चन्द्राकर, सुरेन्द्र कुमार देशमुख,  कवर्धा निवासी राजू बघेल, संजय कुमार ध्रुर्वे द्वारा प्रस्तुत याचिका पर उच्च न्यायालय ने उक्त आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ताओं ने  अरविंद दुबे अधिवक्ता के माध्यम से प्रतिवादी पुलिस विभाग के इस व्यवहार से क्षुब्ध होकर उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थीं कि याचिकाकर्ता छत्तीसगढ़ राज्य में होमगार्ड के पद पर कार्यरत् है। होमगार्ड वही कार्य संपादित करते है, जो कार्य पुलिस विभाग की नियमित स्थापना में कार्यरत् आरक्षक करते है। परंतु होमगार्ड को वह लाभ नहीं मिल रहा है जो पुलिस विभाग के नियमित स्थापना में कार्यरत् आरक्षकों को प्राप्त हो रहा है। समानता के अधिकार के लिए समय-समय पर याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों छत्तीसगढ़ शासन व गृह पुलिस जेल विभाग से अभ्यावेदन प्रस्तुत कर प्रदान करने का अनुरोध किया था। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने यह दलील प्रस्तुत की कि अन्य प्रदेशो के होमगार्ड द्वारा वेतन एवं अन्य भत्तों की वृद्वि के  उच्चतम् न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत एस.एल.पी. तद्पश्चात् सिविल अपील प्रस्तुत की थीं। न्याय पालिका के इस आदेश से प्रदेश के हजारों होमगार्ड जो प्रतिदिन धूप, गर्मी, ठंड बरसात में 24 धंटे न केवल ड्यूटी लगने पर छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा करते है, अपितु बड़े-बड़े प्रशासनिक अधिकारियों के साथ रक्षक के रूप में आगे पीछे रहकर सेवा करते है। न्यायालय के आदेश को संध के कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, पीएचई.संयोजक विमल चन्द्र कुण्डू, सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, संजय झड़बड़े, डॉ. अरूंधति परिहार, रामचंद्र ताण्डी, मनोहर लोचनम्, नरेश वाढ़ेर, सुंदर यादव, रविराज पिल्ले, राजू मुदलियार, कुंदन साहू एस.पी.यदु, के.आर..वर्मा, प्रकाश ठाकुर, सुनील शर्मा, दिनेश मिश्रा, प्रदीप उपाध्याय, विजय डागा, ए.जे.नायक, शेखर सिंह ठाकुर, कृष्णकांत मिश्रा, राजकुमार देशलहरे, दिनेश साहू, टार्जन गुप्ता प्रवीण ढिढवंशी, भजन बाध, राज कुमार देशलहरे, संत राम साहू, आदि नेताओं ने अल्पवेतन भोगी कर्मचारियों को न्याय मिलने का स्वागत् किया है।

 

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