रायपुर
![ईंधन महंगा, लेकिन फिर भी खपत पहले से ज्यादा, गाडिय़ों की संख्या बढऩे से भी संकट ईंधन महंगा, लेकिन फिर भी खपत पहले से ज्यादा, गाडिय़ों की संख्या बढऩे से भी संकट](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1652100410SC_0145a.gif)
पंपों में दो से पांच सौ लीटर की बढ़ोतरी का दबाव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 मई। शहर में एक तरफ जहां पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं लेकिन इसके साथ ही पंपों में इसकी डिमांड भी तेजी से बढ़ गई है। जिस तरह से ईंधन की खपत में वृद्धि हुई है इस हिसाब से प्रत्येक पेट्रोल पंपों पर 200 से 300 लीटर ईंधन की डिमांड अब डिपो से है। पंपों के टैंक में 30 फीसदी ज्यादा ईंधन की जरूरत पड़ गई है। इसके लिए डिपो में सुबह से लंबी कतारें लगने लगी है। एक करीबी सूत्र के मुताबिक मंदिर हसौद डिपो में सुबह से गाडिय़ों की कतारें लगने के बाद अब एंट्री भी काफी देरी से हो रही है ऐसे में पंपों के लिए सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है। कई बार ऐसी नौबत भी जब ईंधन पर्याप्त नहीं हो पाने के कारण पंप अचानक से बंद करने पड़ रहे हैं। ईंधन कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि गाडिय़ों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। लॉक डाउन हटने के बाद से इन छह से सात महीनों के बीच लाखों की तादात में वाहन बिक्री हुई है। सडक़ों पर जब गाडिय़ों की संख्या बढ़ी है तब ईंधन की भी खपत बढ़ गई है। ईंधन के दाम बढ़ जाने के कारण वाहनों के माइलेज के हिसाब से गाड़ी चालकों में भी ज्यादा से ज्यादा ईंधन लेने की जद है, ऐसे में इसका प्रभाव पुरानी व्यवस्था पर भी पड़ा है। शहर में पांच सौ से ज्यादा पेट्रोल पंप है। हाल ही में नए पंपों का विस्तार हुआ है इस वजह से भी डिपो से समय पर सप्लाई का भारी दबाव है। जानकार बताते हैं कि इस समय रायपुर जिले में ही लगभग 20 लाख गाडिय़ां सडक़ों पर दौड़ती है। इतने वाहनों में ईंधन की खपत सामान्य स्थिति है। इधर कारखानों के खुलने बाद से गैस प्लांटों के लिए भी पेट्रोलियम पदार्थों की भारी भरकम डिमांड है। बायो डीजल गैस प्लांट के शुरू करने के बाद भी इसका कुछ खासा फायदा नहीं दिखा है। शहर में इलेक्ट्रीक व्हीकल भी दौड़ लगा रहे हैं। काफी हद तक प्रदूषण पर नियंत्रण है लेकिन महंगाई के बीच ईंधन की खपत कम होने के बजाए और बढ़ रही है। कई पेट्रोल पंप के संचालक डिमांड पूरी नहीं होने से भी परेशान हैं। पंपों में एक से डेढ़ घंटे तक कारोबार रोकना भी पड़ रहा है। पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिल ढगट का कहना है, दाम में बढ़ोतरी हुई है लेकिन ईंधन की खपत पहले से कहीं ज्यादा है। औसतन हर पंप में दो से तीन सौ लीटर ज्यादा ईंधन की डिमांड है। गाडिय़ों की संख्या और माइलेज के चलते इसका असर डिपो की सप्लाई पर पड़ा है।
दोपहिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल की होड़
शहर में इन दिनों इलेक्ट्रीक व्हीकल की रेस में सबसे ज्यादा दोपहिया चालक इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। 30 हजार से ज्यादा चालकों ने दोपहिया के लिए ईंधन वाली गाड़ी के बजाए इलेक्ट्रीक व्हीकल पर दिलचस्पी दिखाई है। हाल में परिवहन विभाग ने इन गाडिय़ों के लिए चार्जिंग सेंटर शुरू करने की प्लानिंग भी की है। इन गाडिय़ों की जितनी संख्या बढ़ती जाएगी, डिपो के लिए उतना ही दबाव कम होगा।
रेट में लगातार इजाफा, 8.70 रुपए महंगे
पेट्रोल-डीजल की कीमतों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते क्रम के बीच 22 मार्च के बाद से पांच अप्रैल तक में हीें पेट्रोल 8.70 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। पांच अप्रैल को रायपुर में पेट्रोल 110.64 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया। वहीं डीजल की कीमत में भी 102.02 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई। मार्च महीने तक की स्थिति में डीजल 93.18 रुपये प्रति लीटर था।