रायपुर
![2 हजार करोड़ अधिक वसूलना होगा जीएसटी को, टारगेट बढ़ा 2 हजार करोड़ अधिक वसूलना होगा जीएसटी को, टारगेट बढ़ा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1652192265611842327G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 मई। रायपुर जून से राज्यों को सेंट्रल जीएसटी से क्षतिपूर्ति राशि मिलनी बंद हो जायेगा। इसे देखते हुए भूपेश सरकार ने राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग को इस वर्ष दो हजार करोड़ का टैक्स अधिक वसूलने का लक्ष्य दिया हैं। विभाग को इस साल 16 हजार करोड़ रूपए वसूलना होगा। विभाग के सूत्रों ने बताया कि अप्रैल से प्रयास शुरू कर दिए थे लक्ष्य को प्राप्त करने। इसके नतीजे भी अच्छे मिले। वित्त वर्ष के पहले ही महीने में विभाग के मंथली टारगेट से करीब 40 प्रतिशत की अधिक वसूली की।
सूत्रों ने बताया कि विभाग सरकार से मिले निर्देशों के मुताबिक कारोबारियों पर छापे मारने के बजाए उनके द्वारा जमा किए गए जीएसटी रिटर्न की जांच कर टैक्स की अंतर राशि वसूलने की कार्यवाही कर रहा है।
बीते वित्त वर्ष में 12 फीसदी की ग्रोथ रही
बताया गया है कि 21-22 के इौरान मिले कर राजस्व वसूली के लक्ष्य को विभाग ने 11 से 25 फीसदी हासिल कर लिया है। सरकार ने 15 हजार करोड़ का लक्ष्य दिया था जिसमे से 14891 करोड़ की वसूली की गयी। 109 करोड़ कम मिले लेकिन टैक्स रेवेन्यू की ग्रोथ 20 प्रतिशत अधिक रही । कम वसूली के पीछे अफसरों का कहना है कि सरकार ने बजट में तय लक्ष्य के तहत टारगेट दिया गया था। इसके बावजूद बीते 10 सालों में यह रिकार्ड वसूली रही है। 21-22 के दौरान वसूले गए 14891 करोड़ में से 60.23 करोड़ रूपए जीएसटी क्षतिपूर्ति और बैंक-टू-बैंक लोन के है। शेष कर वसूली है। 20-21 मे भी विभाग ने 11500 करोड़ के लक्ष्य से अधिक 12380 करोड़ रूपए वसूले थे।
केंद्रीय जीएसटी में भी 21.42 फीसदी ग्रोथ
वित्त वर्ष के पहले ही माह में उधर छत्तीसगढ़ से केंद्रीय जीएसटी की वसूली भी रिकार्ड स्तर पर रही। अपै्रल 21 मे जहां 1061 करोड़ रूपए उगाहे गए थे तो अपै्रल तक 22 में 1288 करोड़ रूपए मिले है। किसी वित्त वर्ष के पहले ही माह में 21.42 प्रतिशत की वृद्धिके साथ 288करोड़ इनपुट अैक्स की चोरी एवं कारोबारियों पर मारे गए छापे कारण रहे।
वैट में कमी न कर कमाए 5371करोड़
पेट्रोलियम पदार्थो पर लिए जा रहे वैट में कमी को लेकर बीते वित्त वर्ष में खूब राजनीति हुई। लेकिन राज्य सरकार ने इसमें कमी नहीं की क्योंकि उसका कहना है कि प्रचलित वैट की दरे देश में सबसे कम है। पेट्रोल डीजल पर लिए जा रहे वैट से सरकार ने 5379 करोड़ रूपए हासिल किए है। वर्ष 20-21 में 4179 करोड़ वैट मिला था।