रायपुर
8 हजार से अधिक ठेकेदार लामबंद, एसओआर बढ़ाने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 मई। छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने मटेरियल के बाजार मूल्य और एसओआर की दरों में भारी अंतर को देखते हुए सरकारी निर्माण कार्य न करने का फैसला किया है। एसोसिएशन ने सरकार से एसओआर बढ़ाने की मांग की है। तब तक वे किसी भी विभाग में एक भी टेंडर नहीं उठाएंगे। इसके चलते करीब 12 सौ करोड़ के टेंडर अटक गए हैं। इसके अलावा करीब 11 हजार करोड़ के निर्माण कार्य भी ठप्प रहेंगे। यह विरोध 23 मई तक रहेगा। इस दौरान सरकार मांग नहीं मानती है, तो एसोसिएशन पुन: बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे। शनिवार को असोसिएशन के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बता दें कि पिछले 1 सप्ताह से कांट्रेक्टर एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेश शुक्ला के नेतृत्व में लगातार बैठकों का दौर चला जिसमें करोड़ों रुपए से लेकर सभी श्रेणी के पंजीकृत हजारों ठेकेदार शामिल हुए और महंगे मटेरियल के दामों में हुई 50 से 60 प्रतिशत बढ़ोतरी के कारण निर्माण कार्य करने मैं असमर्थता जताया गया एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि प्रदेश भर के कांट्रेक्टर एकजुट है। 10 साल पुराने निर्माण विभाग के एसओआर और बाजार में निर्माण मटेरियल इतना महंगा हुआ है कि कांट्रेक्टर बाजार और बैंकों के कर्ज में डूबते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में निर्माण कार्यों को ना तो पूरा कराने की स्थिति में है और ना ही अब किसी तरह के टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। निर्माण विभागों में अनुबंध के बाद मटेरियल के दामों में हुई बढ़ोतरी की वजह से ऐसा निर्णय लेने को मजबूर हो गए हैं। एसोसिएशन के इस फैसले का बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी अपना पूरा समर्थन छत्तीसगढ़ के कांट्रेक्टर को देने की घोषणा की। बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के सी राव ने जारी बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ के निर्माण विभागों के शेड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) और बाजार मूल्य में 50 से 60 फीसदी का अंतर आया है। इसलिए छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने जो फैसला लिया है वह ठेकेदारों को कर्ज में डूबने से बचाने वाला हितकारी निर्णय हैं।