राजनांदगांव
विधायक व सांसद को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 जुलाई। छत्तीसगढ़ ऑफ कॉमर्स द्वारा क्षेत्र के विधायक डॉ. रमन सिंह सहित सांसद संतोष पांडे को अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर लगे 5 प्रतिशत जीएसटी को मुक्त रखने के लिए ज्ञापन सौंपा है।
छग ऑफ कॉमर्स के प्रदेश संरक्षक अनिल बरडिया, प्रदेश मंत्री राजा माखीजा, जिला अध्यक्ष शरद अग्रवाल व कार्यकारी अध्यक्ष सूरज खंडेलवाल सहित महामंत्री संजय रिझवानी ने बताया कि जीएसटी काउंसिल द्वारा हाल में ही दिल्ली में हुई मीटिंग में पैक किए गए अथवा लेबल लगाए गए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कुछ अन्य वस्तुओं को जीएसटी दायरे में लाने की सिफारिश पर खाद्यान्न व्यापारियों में गहरी निराशा व्याप्त है। इससे आम सामान की कीमत पर बड़े ब्रांड का कारोबार बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेषज्ञ खाद्य पदार्थों अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। काउंसिल के इस निर्णय से प्री पैक, प्री.लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित प्री पेकेज्ड और प्री.लेबल रिटेल पैक पर भी जीएसटी कर लगेगा। जिससे देशभर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यवसाय-व्यापार में बड़ा अवरोध उपस्थित हो जाएगा।
छग ऑफ कॉमर्स ने कहा कि निश्चित रूप से कर संग्रह में वृद्धि होनी चाहिए, लेकिन आम लोगों के उपयोग में आने वाली वस्तुओं को कर स्लैब में बजाय कर का दायरा बड़ा कर करना चाहिए। जिसके लिए जो लोग अभी तक दायरे में नहीं आए है, उनको दायरे में लाया जाए। जिससे केन्द्र एवं राज्य सरकारों का राजस्व बढ़ेगा।
कॉमर्स के व्यापारियों द्वारा कहा गया कि इस संबंध में हम सभी सरकार के साथ सहयोग करने सदैव तत्पर है। आजादी से अब तक खाद्यान्न पर कभी कर नहीं लगाया गया था, किन्तु पहली बार जीएसटी के तहत बड़े ब्रांड वाले खाद्यान्न को कर के दायरे में लाया गया। इसमें संभवत: सरकार की मंशा आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को कर से बाहर रख उनके दाम सदैव कम रखने की रही है, इसलिए ही वर्ष 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इन जरूरी वस्तुओं को कर से बाहर रखा और इस बात को ध्यान रखते हम आपसे आग्रह करते है कि प्री.पैक्ड एवं प्री.लेबल वस्तुओं पर पूर्व की भांति जीएसटी को कर रहित किया जाए।