रायगढ़
रायगढ़, 27 जुलाई। शहर के लिए अमृत मिशन योजना नासूर बन गई है। इसका मुख्य कारण नगर निगम प्रशासन की लापरवाही और अमृत मिशन ठेका कंपनी की मनमानी है। पाईप लाईन बिछाने के लिए जगह-जगह गड्ढे तो खोद दिये जा रहे हैं लेकिन निगम की ओर से सही मानिटरिंग नहीं होने से उन्हें वापस भरने के काम में ठेका कंपनी कोताही बरत रही है। भराव सही नहीं होने की वजह से बरसात में मिट्टी धसकने से वापस गड्ढे हो जा रहे हैं, जिसमें आवागमन करने वाले वाहन फंस कर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
अमृत मिशन योजना के लागू होने से शहरवासियों को पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से होने की आस जगी थी, लेकिन अमृत मिशन योजना सफेद हाथी सिद्ध हो रही है। दूसरी ओर ठेका कंपनी द्वारा पाईप लाईन बिछाने के नाम पर रायगढ़ शहर को गढ्ढों का शहर बना कर छोड़ दिया है।
दरअसल, पाईप लाईन बिछाने के लिए गड्ढे खोदे जाने पर पुरी गुणवत्ता के साथ वापस गड्ढों को भरने की जिम्मेदारी भी ठेका कंपनी की है, लेकिन ठेका कंपनी गढ्ढों को भरने में कोताही बरत रही है जिसका खमियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
शहर के गली मोहल्लों के अलावा मरिन ड्राईव की हालत किसी से छिपी नहीं है। आरोप है कि नगर निगम के कोई भी अधिकारी अमृतमिशन के चल रहे कार्यों की मानिटरिंग नहीं करते हैं जिससे ठेका कंपनी मनमानी ढंग से काम कर रही है। गड्ढों को सही रूप से नहीं भरने के कारण बरसात में मिट्टी के धसकने से सडक़ें फिर से गड्ढों में तब्दील हो रही है और उसमें पानी जमा होने से गहराई का अंदाज नहीं लग पाता है जिसके परिणाम स्वरूप दुपहिया या फिर चार पहिया वाहन फंस रही है और दुर्घटना में लोग चोटिल हो रहे हैं।
लोगों का कहना है कि कई बार नगर निगम में इस बात की शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
हाल ही में मरीन ड्राईव में ठेका कंपनी की इस तरह की लापरवाही के कारण चारपहिया वाहन फंस गई, वहीं ठेका कंपनी के अनुसार मरीन ड्राईव का कार्य पूर्ण कर दिया गया है।