सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
लखनपुर, 26 अगस्त। अंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग लखनपुर के कुंवरपुर जलाशय का मोड़ अधूरे सडक़ निर्माण की वजह से जानलेवा साबित हो रहा है। कल चौथी बार हादसा हुआ, जिसमें ट्रक चालक की मौके पर ही मौत हो गई और परिचालक गंभीर अवस्था में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
ज्ञात हो कि अंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 लखनपुर स्थित कुंवरपुर जलाशय के मोड़ पर आए दिन सडक़ दुर्घटनाएं होती रहती हैं, यहां पर अभी तक कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। इससे पूर्व भी दो बार बिलासपुर की ओर से आ रही दो बसें भी खतरनाक मोड़ पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थीं, जिसमें कुछ यात्रियों की मौत भी हुई थी। वहीं इससे पूर्व दो ट्रक सहित छोटी-बड़ी वाहनें कुंवरपुर जलाशय के खतरनाक जानलेवा मोड़ पर दुर्घटनाएं होती रही हैं।
हादसों का कारण संकेतिक पट्टी रेडियम का नहीं लगाना और बिलासपुर की ओर से घाट उतरते समय आधा सडक़ निर्माण किया जाना है। ऊपर से सामने अंधा मोड़ होने की वजह से चालक द्वारा अनियंत्रित हो जाना जिससे सीधे खाई में गिर जाती है या पलटी खाती हैं, जिससे सडक़ हादसा हो जाता है।
गुरुवार रात 9 से 10 बजे के मध्य अंबिकापुर बिलासपुर राष्ट्रीय मार्ग के लखनपुर के कुंवरपुर जलाशय के खतरनाक अंधा मोड़ में 14 चक्का ट्रक बीआर 06 जीसी 9663 रायपुर से मुगलसराय की ओर जा ही थी, तभी अचानक कुंवरपुर जलाशय के अधूरे सडक़ और अंधा मोड़ में नहर के बीचोंबीच अनियंत्रित होकर जा पलटा। इस हादसे में जहां ड्राइवर निकेश पटेल (25 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं क्लीनर अविनाश वर्मा की गंभीर स्थिति देखते हुए प्राथमिक उपचार के लिए लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया, जिसकी हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
बताया जा रहा है कि 14 चक्का ट्रक का सामने का हिस्सा 20 से 30 फीट दूर में जाकर गिरा तथा 50 फीट गहरे नहर में जाकर बीचों-बीच पलट गया। संजीवनी 112 की टीम मौके पर पहुंच 2 से 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ड्राइवर व क्लीनर को ट्रक बाहर निकाला गया। ट्रक के सामने का हिस्सा बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है तथा ट्रक दो हिस्सों में बंट गया। ट्रक में 600 बोरी सीमेंट लोड था तथा गाड़ी मालिक बिहार का है।
क्षेत्रवासियों द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन सडक़ दुर्घटना होती है, जिसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग के ठेकेदार और एनएच के अधिकारियों की है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि रोड के अधूरे निर्माण के कारण लगातार दुर्घटनाएं होती आ रही है, जहां ठेकेदार की लापरवाही से यह दुर्घटना होती चला आ रही है। जब तक रोड बनकर कंप्लीट नहीं हो जाता, तब तक दुर्घटना होने की आशंकाएं बनी रहेंगी, लेकिन इसमें न ही शासन की ओर से कार्रवाई किया जा रहा है और न ही प्रशासन कोई देखरेख नहीं कर रही है जिससे क्षेत्रवासी ठेकेदारों के प्रति काफी आक्रोशित हैं।