राजनांदगांव

धान की फसल पर लगी तनाछेदक और माहू बीमारी
15-Sep-2022 12:48 PM
धान की फसल पर लगी तनाछेदक और माहू बीमारी

कीटों के प्रकोप से किसानों में चिंता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 सितंबर।
इस साल अच्छी बारिश की बदौलत धान की बंपर पैदावार के अनुमान के बीच तनाछेदक और माहू बीमारी ने फसल को घेर लिया है। धान की फसल पर दोनों रोग फैलने के अंदेशे से किसान चिंतित हो गए हैं। अच्छी बरसात के कारण किसानों को फसल से मुनाफे की उम्मीद है। ऐसे में तनाछेदक और माहू बीमारी से फसल को नुकसान पहुंच रहा है। जिले में इस साल 3 लाख 72 हजार 960 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान बुआई का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 3 लाख 72 हजार 829 हेक्टेयर में खरीफ फसल की बुआई हुई है। जिले में इस वर्ष धान की फसल 2 लाख 85 हजार 570 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोया गया है। इस साल तनाछेदक और माहू बीमारियां धान की फसल को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रही है।

ऐसे में दोनों बीमारियों से बचाव के लिए कृषि अमला किसानों को सलाह देने के अलावा रासायनिक दवाईयों  का स्प्रे करने में भी मदद कर रहा है। एक जानकारी के मुताबिक धान की फसल को सर्वाधिक नुकसान माहू बीमारी से हो रहा है। माहू बीमारी के कीट पानी के सतह के ऊपर पौधे के तने भाग में रहते हैं और धान के तने का रस चूस लेते हैं। जिसके चलते फसलों को नुकसान होता है। वहीं तनाछेदक भी काफी हानिकारक है। फसल में कीट का प्रकोप धान के बीज निर्माण से लेकर पकने तक रहता है। इस तरह तनाछेदक भी काफी घातक है। इस संंबंध में कृषि उपसंचालक गोविंद सिंह धुर्वे और सहायक उपसंचालक बिरेन्द्र कुमार अनंत ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि फसलों से जुड़ी बीमारियों के संबंध में लगातार किसानों को सलाह दी जा रही है। सर्वे के जरिये महकमा इस बीमारी से पीडि़त किसानों के संबंध में जानकारी ले रहा है। विभाग का कहना है कि इस साल मानसून का साथ मिलने से फसल की बंपर पैदावार होने का अनुमान है। जिले में किसानों ने कृषि विभाग के सलाह के अनुरूप तैयारी की है। ऐसे में फसल को बचाने की मुहिम में महकमा भी किसानों के साथ खड़ा है।

 बीमारियों से बचने के उपाय
धान की फसल को तनाछेदक और माहू रोग से बचाने के लिए कृषि विभाग का मैदानी अमला जोर लगा रहा है। जिसमें तनाछेदक से बचाव के लिए करटॉप हाईड्रोक्लोराईड फोर-जी अथवा क्लोरेट्रॉनीलीप्रोल का छिडक़ाव नियमानुसार करने की सलाह दी जा रही है। इसी तरह माहू रोग से बचने के लिए किसान नीम का तेल और थायोमेथोक्सम 25 प्रतिशत, डब्लयूजी तथा एमिडाक्लोरोपिड का छिडक़ाव करने की सलाह दे रहे हैं। इसके लिए नियम का पालन करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
 

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