बस्तर
चार दिन पहले पुलिया नीचे मिली थी लाश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 8 अक्टूबर। चार दिन पहले लामनी एवं सरगीपाल के मध्य पुलिया नीचे संदिग्ध अवस्था में मिला लाश एवं घटित वारदात की गुत्थी को सुलझाने में बस्तर पुलिस को सफलता मिली है। लेन-देन को लेकर विवाद पर दोस्तों ने हत्या की थी। पुलिस ने दो आरोपी एवं एक नाबालिग बालक को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 5 अक्टूबर के सुबह लामनी एवं सरगीपाल के मध्य पुलिया के नीचे एक शव मिला था। मामले में थाना परपा अंतर्गत जांच दौरान उक्त शव सतवंत सिंह उर्फ मोनू बरार के रूप में पहचान हुई। मामले में जांच जिसमें घटनास्थल निरीक्षण, शव पंचनामा एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं परिस्थतिजन्य साक्ष्यों के आधार पर उक्त पुरूष की हत्या होना पाये जाने से मामले में थाना परपा में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध हत्या (धारा 302 , 201भादवि) का अपराध दर्ज कर जांच में लिया गया था।
घटनास्थल पर मिले साक्ष्य, तकनीकी साक्ष्य एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के अनुरूप आरोपी की पतासाजी की जा रही थी। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर मृतक सतवंत उर्फ मोनू के दोस्त नरविंदर सिंह बाजवा, शेरसिंह सुमेर एवं 1 किशोर बालक द्वारा अपराध में संलिप्त होना पाया गया।
निरीक्षक धनंजय सिन्हा और लालजी सिन्हा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। संदेही नरविंदर सिंह बाजवा, शेरसिंह सुमेर एवं 1 किशोर बालक पकड़ा गया है जिनसे पूछताछ पर उनके द्वारा 4 अक्टूबर को सतवंत सिंह उर्फ मोनु बरार की हत्या करना स्वीकार किया है।
आरोपी नरविंदर सिंह बाजवा, शेरसिंह सुमेर को थाना परपा के द्वारा सतवंत सिंह उर्फ मोनु बरार की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर, न्यायिक रिमांड पर न्यायालय भेजा गया है एवं 01 अन्य किशोर बालक के विरूद्ध विधिवत् कार्यवाही कर किशोर न्याय बोर्ड भेजा गया है।
आरोपी नरविंदर बाजवा, शेरसिंह सुमेर एवं 01 नाबालिग बालक एवं मृतक सतवंत सिंह काफी समय से एक दूसरे को जानते पहचानते थे। पूर्व में नरविंदर बाजवा के द्वारा 5000 रुपये सतवंत बरार को दिया था, जिसके द्वारा उधारी की राशि वापस नहीं किया गया था। चार अक्टूबर को नरविंदर बाजवा, शेरसिंह सुमेर एवं किशोर बालक के द्वारा मृतक सतवंत सिंह को सरगीपाल की ओर शराब पीने के नाम पर ले गये, जहां सरगीपाल में उधारी पैसे लेनदेन की बात को लेकर आपस में विवाद हुआ और आरोपी नरविंदर बाजवा, शेरसिंह सुमेर एवं किशोर बालक के द्वारा कैंची, मोटर सायकल की चाबी से सतवंत के सिर पर हमला किया गया एवं गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या पश्चात शव को छिपाने के उद्देश्य से सरगीपाल और लामनी के मध्य पुलिया के नीचे फंेक दिया गया।