बस्तर

नए उपाध्यक्ष ने इंद्रावती जोरा नाला पर जल विभाजन के लिए बने कंट्रोल स्ट्रक्चर का किया अवलोकन
01-Nov-2022 8:33 PM
नए उपाध्यक्ष ने  इंद्रावती जोरा नाला पर जल विभाजन के लिए बने कंट्रोल स्ट्रक्चर का किया अवलोकन

जगदलपुर 1 नवम्बर। इंद्रावती नदी में ओडशा राज्य से प्राप्त होने वाले जलप्रवाह की कमी को देखते हुए समस्या के समाधान तथा बेसिन के विकास के लिए गठित इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के नवनियुक्त उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने आज ओडिशा स्थित इंद्रावती नदी और जोरा नाला के बीच जल विभाजन के लिए बनाए गए कंट्रोल स्ट्रक्चर का अवलोकन मंगलवार को किया। इस अवसर पर उनके साथ कमिश्नर  श्याम धावड़े, कलेक्टर चंदन कुमार, उपायुक्त  बीएस सिदार, इंद्रावती परियोजना मंडल के केएस भंडारी, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता आरके रिछारिया उपस्थित थे।
    
निरीक्षण के दौरान इन्द्रावती स्ट्रक्चर एवं जोरानाला स्ट्रक्चर के ऊपर लगभग 2 फीट से ऊपर पानी का बहाव था व 1 माह बाद पानी का प्रवाह कम होने पर पुन: पानी के प्रवाह का माप लेने के निर्देश दिये गये। संगम स्थल पर इन्द्रावती नदी पर स्ट्रक्चर के अपस्ट्रीम में अत्याधिक मात्रा में रेत जमा हुआ पाया गया, आज भी पानी का प्रवाह जोरानाला के ओर अधिक देखा गया।
    
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने इस अवसर पर इंद्रावती नदी में नवंबर से लेकर जून के बीच जलप्रवाह की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इंद्रावती परियोजना मंडल के अधिकारियों ने बताया कि ओड़ीसा और छत्तीसगढ़ राज्य के बीच हुए अनुबंध के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के लिए इंद्रावती नदी के लिए 8.115 टीएमसी पानी छोड़ा जाना चाहिए, किन्तु अनुबंध के अनुसार इंद्रावती नदी में जल का प्रवाह नहीं है। नदी में जल प्रवाह की कमी के लिए रेत के जमाव को प्रमुख कारणों में से एक कारण बताया गया।
    
कमिश्नर श्याम धावड़े ने 1 माह बाद पानी का प्रवाह कम होने पर पुन: पानी के प्रवाह का माप लेने के निर्देश दिया। कलेक्टर चंदन कुमार ने विगत पांच वर्षों में इंद्रावती नदी और जोरा नाला में जलप्रवाह की जानकारी प्राधिकरण के समक्ष रखने के निर्देश दिए।
    
उल्लेखनीय है कि 24 दिसंबर 2003 को अन्तर्राज्यीय परियोजना की बैठक हुई, जिसमें दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंताओं द्वारा बैठक में संयुक्त निर्णय लिया गया कि, छत्तीसगढ़ की उपयोगिता माह नवम्बर से जून के लिए 8.115 टीएमसी थी, जिसमें 3.475 टीएमसी पीने के पानी के उपयोग के लिए एवं 4.64 टीएमसी औद्योगिक उपयोग के लिए आवश्यकता थी, जिसमें ओडशा शासन ने माह नवम्बर से जून के लिए 3.475 टीएमसी जल उपलब्ध कराने की सहमति व्यक्त की थी। इसी प्रकार दोनों राज्यों के उच्चाधिकारियों द्वारा निर्णय लिया गया कि. ग्रीष्म ऋतु में 50-50 प्रतिशत पानी का बहाव बनाने के लिए सहमत हुए, जिसके तहत इन्द्रावती नदी एवं जोरानाला में स्ट्रक्चर निर्माण पूर्ण किया गया, जिसके लिए छत्तीसगढ़ शासन ने 49.20 करोड़ रुपए उड़ीसा सरकार को प्रदाय किया गया था, जिसे माह जून 2016 में पूर्ण किया गया है। पिछले 05 वर्षो में छत्तीसगढ़ को लगभग 32 प्रतिशत एवं ओडशा  को जोरानाला में लगभग 68 प्रतिशत पानी ग्रीष्म ऋतु में बहाव हो रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इन्द्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। साथ ही इन्द्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के द्वारा जल संवर्धन के कार्य, पीने के पानी की व्यवस्था, नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने की व्यवस्था, नदियों के कटाव की रोकथाम, तटरक्षण एवं बाढ़ नियंत्रण कार्य, निर्माणाधीन सिंचाई योजनाओं का कार्य वृक्षारोपण इत्यादि के कार्य किया जाएगा।

कमिश्नर और कलेक्टर ने श्री शर्मा को दी बधाई
कमिश्नर श्याम धावड़े और कलेक्टर चंदन कुमार ने इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर राजीव शर्मा को बधाई व शुभकामनाएं दी।

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