राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 नवंबर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोनू बहादुर सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम पर निशाना साधते कहा कि मुख्यमंत्री जहां भेंट-मुलाकात के जरिये शहरी क्षेत्रों में चौपाल लगा रहे हैं। वहीं स्थानीय अस्पतालों को झांकने भी नहीं जा रहे हैं। जबकि सबसे ज्यादा भेंट-मुलाकात करने की जरूरत अस्पतालों में ही है, जहां लगातार आम जनता सुविधओं से जूझ रही है और कोई उनकी बात सुनने वाला नहीं है।
मोनू बहादुर सिंह ने बयान जारी करते कहा कि राजनांदगांव में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने करोड़ों की लागत से मेडिकल कॉलेज की स्थापना की, लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री न तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सुध ले रहे हैं और न ही बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल की। उन्होंने कहा कि रोजाना दर्जनों मरीज दूसरे शहर के निजी अस्पताल रिफर किए जा रहे हैं। अब तक शहर के किसी सरकारी अस्पताल में न्यूरो सर्जन की व्यवस्था नहीं है । डायलिसिस के लिए रोज लोगों को भटकना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल से रोज खबरें आती है कि मरीजों को दूसरे शहर रिफर किया जा रहा है।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष मोनू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल करते कहा कि क्या वो अस्पताल जाकर उन मरीजों से भेंट-मुलाकात से डरते हैं, जो अपनी समस्याओं के सवाल से उन्हें निरुत्तर कर सकते हैं या मुख्यमंत्री संस्कारधी की जनता को अच्छे स्वास्थ्य सुविधा से जान बूझकर वंचित रखना चाहते हैं। मोनू ने कहा कि पिछले जितने भी स्थानों पर मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात किया है, वहां तकरीबन हर जगह अस्पतालों को लेकर सवाल खड़े हुए हैं, लेकिन उन्हें टाल दिया गया। मोनू ने मुख्यमंत्री पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाते कहा कि पिछले दिनों जब मृतक बहन महिमा नेताम के बीस दिन में मृत्यु हो जाने के मामले में उनके पिता ने सार्वजनिक रूप से सवाल किया, तब भी उनकी बातों को टाल दिया गया।