गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 13 दिसंबर। वर्तमान में आरक्षण का मुद्दा ज्वलंत हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कर छत्तीसगढ़ के सामाजिक संरचना की दृष्टि से एस.टी.32 प्रतिशत एस.सी.13 प्रतिशत, ओबीसी 27 प्रतिशत एवं ईडब्लूएस- 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर राज्यपाल को भेजा गया है। जिस पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं किया जाना किसी भी दृष्टि से उचित प्रतीत नहीं होता है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के प्रदेश अध्यक्ष टहलसिंह साहू ने कहा कि सरकार जब आदिवासियों के साथ ओबीसी की आरक्षण पर ध्यान दे रही है तो किसी को आपत्ति नहीं होना चाहिए। मंडल आयोग ने भी ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत का प्रावधान किया है। वर्तमान में जब केन्द्र सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण दे रही है तो छत्तीसगढ़ तो ओबीसी बाहूल्य राज्य है, यहां ओबीसी की आबादी 52 प्रतिशत है तो आरक्षण उसका लगभग आधा 27 प्रतिशत दिया जाना ओबीसी का हक भी है।
उन्होंने कहा, राज्यपाल का यह कहा जाना और भी दुर्भाग्य जनक है कि मैंने केवल आदिवासी आरक्षण के लिए कहा था, यह पिछड़ा वर्ग का अपमान भी है। संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति को बहुसंख्यक समाज की भावना और अधिकार का भी ध्यान रखना चाहिए । ओबीसी समाज कभी भी आदिवासी आरक्षण का विरोध नहीं किया है इसलिए जब ओबीसी आरक्षण की बात आती है, तो छ.ग. के बहुसंख्यक वर्ग के हित की भी चिंता करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ओबीसी आरक्षण का मुख्य आधार शैक्षणिक और सामाजिक पिछड़ापन है, जो आजादी के 75 वर्ष बाद भी व्याप्त है, अत: ओबीसी आरक्षण संवैधानिक हक है । राज्यपाल से आग्रह है कि छ.ग. के सामाजिक संरचना को ध्यान में रखकर आरक्षण बिल का अनुमोदन करें, यही जनभावना का सम्मान है सकारात्मक परिणाम नहीं होने पर अब ओबीसी समाज चुप नहीं बैठकर साहू समाज ओबीसी का सबसे बड़ा हिस्सा है अत: बड़ा भाई का दायित्व निर्वहन करने के लिए इस आंदोलन का नेतृत्व भी करना पड़े तो पीछे नहीं हटेगें हम सामाजिक समरस्ता के पक्षधर है। सभी समाज प्रमुखों से निवेदन है कि इसमें सकारात्मक भूमिका निभाएं।
यदि आरक्षण पर कोई न्यायालयीन बात आती है, तो हम तर्क संगत बात रखेगें, जब झारखण्ड राज्य 77 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर सकता है तो छत्तीसगढ़ में 76 प्रतिशत आरंक्षण पर क्यों तर्क-कुतर्क होना चाहिए। अन्य विषयों पर बेवजह कुतर्क करने के बजाय हम सब को सभी दलों को तथा सर्वसमाज को समवेत रूप से प्रयास कर छत्तीसगढ़ को 9वीं अनुसूची में सम्मिलित कराने हेतु केन्द्र सरकार के समक्ष प्रयास करना चाहिए। यही इस समस्या का व्यापक एवं स्थायी समाधान होगा। अत: श्री साहू ने कहा कि साहू समाज का प्रमुख होने के नाते सबसे अनुरोध करता हूं कि आप ओबीसी के अधिकार के विषय पर सकारात्मक सोच के साथ सहयोग प्रदान करें।