राजनांदगांव
गोबर बिक्री से प्राप्त राशि से किया बेटा-बेटी का ब्याह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 दिसंबर। इरादे और हौसले मजबूत हो तो संभावनाओं के नए द्वार खुलते हैं। ऐसी ही एक बानगी पेश कि है मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के औंधी क्षेत्र के पद्म स्वसहायता समूह ग्राम सरखेड़ा के समूह की महिलाओं ने। समूह की महिलाएं विगत तीन वर्ष से गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर करीब साढ़े तीन लाख रुपए की कमाई की है। इसके साथ ही मुर्गी पालन, केंचुआ पालन के अलावा सब्जी-बाड़ी लगाकर अतिरक्त लाभ भी कमा रही रही हैं। जिसके चलते समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं।
शासन की सुराजी गांव योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित गौठान अब आजीविका के केन्द्र का स्वरूप लेने लगे हैं। इससे महिला समूहों एवं ग्रामीणों को सहजता से रोजगार मिलने के साथ ही उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है। पद्मशांति स्वसहायता समूह की सचिव माधुरी केरकेट्टा ने बताया कि हमारी समूह की महिलाएं पिछले तीन साल से गांव में स्थित आदर्श गौठान सरखेड़ा में गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने का कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही करीब 48 क्विंटल सुपर वर्मी कंपोस्ट भी बनाया है। जिससे अभी तक साढ़े तीन लाख रुपए से अधिक की कमाई हुई है। उन्होंने बताया कि मुर्गी शेड में मुर्गीपालन से भी फायदा हुआ है। गौठान के समीप ही सब्जी बाड़ी बनाए हैं। जिससे पिछले वर्ष करीब 25 हजार रूपए के सब्जी की बिक्री हुई थी। उस राशि से इस वर्ष सब्जी लगाने के लिए कृषि यंत्र और कुछ सामग्री लिए हैं।
पद्मशांति स्व-सहायता समूह की ही सदस्य बुधियाबाई ने बताया कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। बेटा-बेटी की शादी करने के लिए घर में पैसे नहीं थे, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोधन न्याय योजना उनके लिए संबल बनी।
गोबर बेचकर लगभग एक लाख रुपए की आमदनी हुई। जिससे उन्हें बेटा-बेटी के ब्याह में सहायता मिली और किसी से उधार लेने की भी आवश्यकता नहीं पड़ी।