बलौदा बाजार

शिव महापुराण कथा: श्रद्धा के बिना कोई धर्म कर्म नहीं हो सकता - राधेश्याम व्यास
07-Feb-2023 7:10 PM
शिव महापुराण कथा: श्रद्धा के बिना कोई धर्म कर्म नहीं हो सकता - राधेश्याम व्यास

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 1 फरवरी। रायपुर रोड स्थित विनायकम कॉलोनी रोड बलौदाबाजार में दिनेश शर्मा परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा सोमवार को कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुई। इस कलश यात्रा में लगभग दो हजार की संख्या में महिला एवं पुरुष सम्मिलित हुए कलश यात्रा महामाया मंदिर नया बस स्टैंड से प्रारंभ हुई जो कथा स्थल पहुंचकर समाप्त हुई।

कलश शोभायात्रा में बिलासपुर से आए राज बैंड पार्टी द्वारा हिंदी भजनों की धुन बजा कर लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया कलश यात्रा के आगे-आगे आयोजक परिवार के अलावा बलौदाबाजार के विधायक प्रमोद शर्मा, सर्व ब्राह्मण समाज बलोदाबाजार अध्यक्ष श्याम शुक्ला, महिला ब्राह्मण समाज बलौदा बाजार अध्यक्ष शैलजा मिश्रा, योगेश शुक्ला, सुशील तिवारी, राजेश त्रिवेदी, शरद शुक्ला, जिला पंचायत सदस्य परमेश्वर यादव, तिलक कनौजे, आनंद अग्रवााल, संजीव पटेल, प्रभाकर मिश्रा, आदित्य बाजपेेयी, राजा तिवारी, अभिषेक तिवारी, गार्गी शंकर बाजपेेयी प्रतिनिधि एवं भक्तगण चलकर शामिल हुए।

पहले दिन की कथा में व्यासपीठ पर विराजमान कथा वाचक पूज्य संत श्री राधेश्याम व्यास ने प्रथम दिवस पर शिव महापुराण की कथा में आयोजक परिवार के लिए कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि कथावाचक का भी सम्मान किया आने वालों का भी सम्मान किया। केवल धर्म का कर्म जो है वह अभिमान से नहीं मिलता पूर्ण श्रद्धा भक्ति से होता है। श्रद्धा के बिना कोई धर्म कर्म नहीं हो सकता है, जैसे श्रद्धा और भक्ति जब होती है जितना धन खर्च करो कितना समय खर्च करो मन में श्रद्धा कथा में आए लोगों के प्रति हो कथा सुनने वाले व्यक्ति के प्रति हो ब्राह्मणों के प्रति हो सुनने आए श्रद्धालुओं के प्रति हो श्रद्धा हो विनम्र भाव हो वह कथा निर्भयता से संपन्न होती है।  उन्होंने कहा, केवल पैसा से कथा नहीं होती पंडाल लगाने से भक्त सजने से कथा नहीं होती, कथा प्रचार से नहीं होती अगर कथा विधि विधान से नहीं होती तो उसका प्राप्त नहीं होता श्रद्धा और विनम्रता से करवाई गई कथा से लाभ प्राप्त होता है। आयोजन करने वाला कोई भी यजमान दृश्य संकल्प के साथ पृष्ठ प्रिया के साथ ईश्वर की कृपा का पात्र जब बनता है जब ऐसे आयोजक प्रारंभ होते हैं कथा सुनने वाले श्रद्धालुओं जो आए सुनने वालों का क्या नियम है। व्यास गद्दी वाले सुनने वाले का नियम है कहते हैं कि व्यास गद्दी इस प्रकार से बनावे सुनने वाले मुंह पूर्व दिशा की ओर हो उत्तर दिशा की ओर व्यास गद्दी की दिशा का बड़ा प्रभाव है वास्तु शास्त्र से लेकर ज्योतिष तथा ब्राह्मण शास्त्र दिशाओं का बड़ा प्रभाव बताया गया है।

 दिशा से ही दशा बनती है तभी कोई आयोजन विधिवत संपन्न होता है। पैसा खर्च करने से नहीं होता हमने ऐसी ऐसी जगह को देखा बहुत बड़ा पंडाल बनाया गया और बहुत पंडाल तैयार किया, लेकिन कराने वाले के मन में अभिमान आ गया कि मैं पैसा लगा रहा हूं लोगों को बुला रहा हूं और अंतरराष्ट्रीय कथावाचक को बुलाकर व्यास गद्दी पर बैठा रहा हूं, लेकिन मन में अभिमान के चलते कथा का फल प्राप्त नहीं होता है।

व्यास जी ने बताया कि ज्योतिर्लिंग सबसे पहले कहां उत्पन्न हुआ है। ब्रह्मा विष्णु की उत्पत्ति कैसे हुई है, शिवलिंग पर जलाभिषेक ही क्यों जरूरी है। जल भांग सनी दुर्ग बेलपत्र ही क्यों जरूरी है, बेलपत्र उल्टा क्यों चढ़ाया जाता है, ब्रह्मा जी को शंकर जी ने क्यों शराब दिया कि ब्रह्मा जी का मंदिर होगा ना कोई गृहस्थ जीवन में पूजा करेगा।  कितनी पुष्प अर्पित करना क्यों श्रापित है नारद जी ने विष्णु भगवान को क्या और क्यों पृथ्वी लोक में मनुष्य अवतार लेकर अपनी पत्नी के लिए भटकना पड़ा और कोई भी राजा महाराजा है रिश्तेदार कोई मददगार नहीं होगा, तुम्हें वानरों की मदद की जरूरत पड़ेगी। नेमीशरन तीर्थ की स्थापना कैसे हुई।

आयोजक दिनेश शर्मा, उषा शर्मा, नितेश शर्मा ने बताया कि यह आयोजन 6 से 14 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर के 1 से 5 बजे तक आयोजित होगा। आयोजक परिवार ने शिव महापुराण कथा एवं भव्य मंदिर में श्री सिद्धि विनायक गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित होकर इस अवसर का लाभ उठाने की अपील की है।

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