कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 15 फरवरी। जिले के थाना धनोरा अंतर्गत गांव में बाल विवाह की सूचना दूरभाष के माध्यम से प्राप्त होते ही मिशन वात्सल्य महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त दल ने दो बाल विवाह रोका।
चार नाबालिगों का विवाह रीति-रिवाज एवं परिवार के सहमति से किया जा रहा था। गठित संयुक्त दल द्वारा दोनों विवाह स्थल पहुंच कर आधार कार्ड एवं शैक्षणिक दस्तावेजों का निरीक्षण किया गया, जिसमें चारों बालक-बालिकाओं की आयु विवाह हेतु निर्धारित आयु से कम पायी गई।
विवाह स्थल में उपस्थित ग्रामीण एवं परिवार के सदस्यों को विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों, सरपंच, ग्राम पटेल, सचिव, सुपरवाईजर द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, दण्ड के प्रावधान, बाल विवाह के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए समझाईश देकर पंचनामा तैयार किया गया एवं नाबालिगों के परिजन एवं उपस्थित ग्रामीणों को बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों को बाताते हुए बालक-बालिका एवं माता-पिता से शपथ पत्र लिया गया, कि विवाह हेतु निर्धारित आयु पूरी नहीं हो जाती, तब तक विवाह नहीं करेंगे।
उक्त बाल विवाह को रोकने हेतु नायब तहसीलदार दयाराम साहू, परियोजना अधिकारी दीपेष सिंह बघेल, विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी सौरभ तिवारी, धनोरा थाना से पुलिस विभाग के उप निरिक्षक रजउ राम सूर्यवंशी, पर्यवेक्षक मीना जुर्री, आउटरीच वर्कर माधुरी उसेण्डी, बरखा धर्मपाल एवं चाईल्ड लाईन से हेमन्त भारती उपस्थित थे।