राजनांदगांव

नक्सलियों ने जवानों पर एके-47 और इंसास रायफल से बरसाई गोली
21-Feb-2023 3:04 PM
नक्सलियों ने जवानों पर एके-47 और इंसास रायफल से बरसाई गोली

शहीद जवानों को लगी 7-8 गोलियां, मिलिट्री प्लाटून के हाथ होने की आशंका

प्रदीप मेश्राम

राजनांदगांव, 21 फरवरी (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। बोरतलाव में घातक नक्सल हमले में नक्सलियों ने जवानों पर एके-47 और इंसास रायफल जैसे अत्याधुनिक हथियारों से गोलियां बरसाई। इस वारदात के पीछे शुरूआती जांच में नक्सलियों के मिलिट्री दलम का हाथ होने की शंका जाहिर की जा रही है। नक्सलियों ने जिस तरह से घटना को अंजाम दिया है, उससे यह साफ भी है कि नक्सलियों की मोबाइल चेकिंग पाईंट में तैनात जवानों की आवाजाही पर नजर थी। नक्सलियों ने बकायदा घटनास्थल की रेकी कर मौका मिलते ही पुलिस पर हमला बोल दिया।

छत्तीसगढ़ के रास्ते गोंदिया जिले की सरहद वाले इस मुख्य मार्ग में नक्सलियों ने जिस तरह से जवानों की हत्या की है, उससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। काफी अरसे बाद नक्सलियों ने इस क्षेत्र में हिंसक वारदात के जरिये अपनी आमद दी है। पुलिस महकमे में बोरतलाव और चांद-सूरज गांव को नक्सलियों के ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल करने की भी जानकारी है। नक्सल हमले में प्रधान आरक्षक राजेश सिंह और सीएएफ जवान ललित कुमार  आम दिनों की तरह ड्यूटी में पहुंचे थे। उनके आने की भनक नक्सलियों को मिल गई थी और सीधे सामने आकर एके-47 और इंसास जैसे हाईटेक शस्त्र से जवानों पर गोलियां बरसा दी। नक्सल गोली से प्रधान आरक्षक राजेश मौके पर ही शहीद हो गए। जबकि ललित कुमार ने डोंगरगढ़ अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया।

नक्सलियों ने दोनों जवानों को बेहद नजदीक से ही अपनी गोली का निशाना बनाया। सूत्रों का कहना है कि दोनों जवानों के शरीर से कुछ गोलियां आर-पार हो गई। वहीं कुछ शरीर में फंसी रही। बताया जा रहा है कि नक्सलियों की ओर से 16 गोलियां हथियारों से बरसाई गई है। 7 से 8 गोलियां  शहीद जवानों पर दागे गए। इस बीच घटना के बाद पुलिस की खुफिया एजेंसी भी हैरत में पड़ गई है। नक्सलियों ने बेहद चालाकी के साथ जवानों को घेरते हुए मौत के घाट उतार दिया। ऐसे में पुलिस का गुप्त सूचना तंत्र को नक्सलियों की करतूतों की भनक नहीं मिल पाई। आला अफसर खुफिया एजेंसियों के नाकामी को लेकर काफी नाराज हैं। नक्सल गतिविधि को लेकर सुस्त पड़े खुफिया तंत्र से करारा झटका लगा है।

बताया जा रहा है कि राजनांदगांव जिले के विभाजित होने के बाद पुलिस महकमे की ओर से नक्सल मामलों में ढील बरती जा रही थी। जबकि बोरतलाव, बागनदी क्षेत्र में दर्रेकसा दलम के अलावा प्लाटून कंपनी की आमद रफ्त होती है। पड़ोसी राज्य गोंदिया में लगातार सीमा पर गश्त आपरेशन चलाया जा रहा है।

बोरतलाव और बागनदी के रास्ते नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व का भी आवागमन होता है। इस वारदात ने महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की पुलिस को अलर्ट कर दिया है। वहीं एमएमसी जोन में नक्सलियों ने अपनी तगड़ी मौजूदगी का भी अहसास कराया है। बोरतलाव में अलसुबह हुए इस घटना से पुलिस के लिए परेशानी बढ़ गई है। शहीद जवानों को षडयंत्र पूर्वक फांसकर नक्सलियों ने हमला कर अपनी धमक का अहसास कराया है।
बहरहाल नक्सलियों की गोली का शिकार बनी राजनांदगांव पुलिस को नए सिरे से नक्सल मोर्चे में  डटे रहने के लिए योजना बनानी होगी।
 

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