बस्तर

पर्यटन के क्षेत्र में इंडियन रेस्पोंसिबल टूरिज्म सम्मिट में अनएक्सप्लोर्ड बस्तर को राष्ट्रीय गोल्ड अवार्ड
2019 में राष्ट्रीय उद्यमिता अवार्ड से किया चुका है सम्मानित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 20 मार्च। देश की प्रतिष्ठित एवं नामचीन संस्था आउटलुक ट्रैवेलर्स द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिस्म अवॉर्ड और सम्मिट द्वारा देश भर में पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही संस्थाओं को सम्मानित किया गया। उटी, तमिलनाडु में आयोजित इस सम्मान समारोह में देश के इक्कीस राज्यों से हजारों संस्थाओं एवं व्यक्तियों ने नामांकन भर था, जिसमे इंडियन रेस्पोंसिबल टूरिज़म का सस्टेनेबल एंटरप्राइज कैटेगरी के सर्वोच्च गोल्ड अवार्ड बस्तर के अनएक्सप्लोर्ड बस्तर को मिला।
अवार्ड तमिलनाडु के पर्यटन मंत्री के.रामचंद्रन, मुख्य सचिव, पर्यटन डॉ. बी. चंद्रा मोहन, आउटलुक ग्रुप के सीईओ इंद्रनील रॉय के हाथों संस्था के मनीष पाणिग्रही एवं जीत सिंह आर्य को कई प्रतिष्ठित गणमाननीयों के उपस्थिति में दिया गया।
इसके अलावा सम्मिट में संस्था को अपने कार्यों को बताने के लिए प्रेजेंटेशन का मौका दिया गया जिससे दूसरे राज्यों एवं संस्थाओं को भी सामुदायिक पर्यटन में कार्य करने के लिये प्रेरणा मिल सके।
उल्लेखनीय है कि अनएक्सप्लोर्ड बस्तर सात वर्षों से सामुदायिक पर्यटन पर कार्य कर रही है। बस्तर जिले से शुरू हुआ यह अभियान छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश, झारखंड, ओडिशा, हिमाचल, नॉर्थ ईस्ट, दक्षिण राज्यों सहित अन्य राज्यों में भी सफलता पूर्वक संचालित हो रहा है। ज्ञात हो कि सामुदायिक पर्यटन में विशेष रूप से स्थानीय लोगों को जोड़ा जाता है और प्रकृति, संस्कृति व पर्यवरण के संरक्षण को ध्यान रखते हुये स्थानीय निवासियों की आजीविका को बढ़ाने के लिये पर्यटन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों से जोड़ा जाता है।
संस्था को वर्ष 2019 में राष्ट्रीय उद्यमिता अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। जिसके बाद संस्था को उसके उल्लेखनीय व उत्कृष्ठ कार्यों के कई और सम्मान मिलते रहे हैं। 2019 में आउटलुक ट्रैवेलर्स के अवार्ड में सामुदायिक दायित्व-पर्यटन की श्रेणी में मुख्य बीस में स्थान मिला था।
अवार्ड प्राप्त करने बाद संस्था में काफी समय से कार्य कर रहे मनीष पाणिग्राही ने कहा कि यह अवार्ड बस्तर के हर एक नागरिक के लिये सम्मान की बात है। हमारी संस्था पर्यटन के माध्यम से बस्तर की नकारात्मक छवि को मिटाना चाहती है और बस्तर के प्रकृति एवं संस्कृति संरक्षण के कार्य को गति देने चाहती है। दूसरे राज्यों के लोगों में बस्तर को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां है उसे दूर करना बस्तर के विकास के लिये अत्यंत आवश्यक है। अत: हम इसी दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। देश के विभिन्न राज्यों में अब बस्तर को विशेष महत्व दिया जा रहा है इससे सुखद अनुभूति होती है।