रायपुर
प्रश्न पत्र छपाई में गड़बड़ी, मंत्रालय से आदेश जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 25 मार्च । कोरबा जिला के तत्कालीन जिला शिक्षाधिकारी सतीश पांडेय का प्रश्न पत्र प्रिंटिंग में घोटाला का मामला सामने आया हैं। इस मामले की जांच के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने डीईओ पांडे से 7 लाख 38 हजार रूपये की रिकवरी निकालते हुए 24 किस्तों में जमा करने के साथ ही 2 इक्रीमेंट रोकने का सख्त आदेश जारी किया हैं।
गौरतलब हैं कि कोरबा के तात्कालीन डीईओं सतीश पांडेय के कार्यकाल में वर्ष 2018-19 और 2019-20 में प्रश्न पत्रों के प्रिंटिंग कार्य में गड़बड़ी सामने आई थी। इस मामले की शिकायत होने पर शिक्षा विभाग ने डीईओ सतीश पांडेय के इस प्रकरण पर 27 फरवरी 2021को जांच का आदेश दिया था। संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव की टीम ने जांच में पाया गया कि वर्ष 2018-19 में प्रश्नपत्रों के प्रिंटिंग के लिए 87 लाख 41 हजार 532 और वर्ष 2019-20 में 76 लाख 14 हजार 816 रूपये शासन से आबंटित किये गये थे। वर्ष 2018-19 में कक्षा पहली से 8वीं तक की वार्षिक परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका के प्रिटिंग में 52 लाख 51 हजार 777 रूपये का कार्य कराया गया। लेकिन इस प्रिंटिंग कार्य का भुगतान तत्काल ना कर एक साल बाद मुद्रक को तय राशि से 1 लाख 42 हजार 943 रूपये अतिरिक्त किया गया। इसी तरह वर्ष 2019-20 में एक और मामले में कक्षा पहली से सातवीं तक के छात्रों की परीक्षा होनी थी। राज्य शासन से प्रश्नपत्रों की सीडी आने से पहले ही डीईओ ने स्थानीय स्तर पर प्रश्नपत्र तैयार कर अपने चहेते प्रिंटिंग प्रेस से करा लिया । इसमें आधे से अधिक प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेस में छपाई होने के बाद एससीईआरटी से आये प्रश्न पत्र को दोबारा प्रिंट कराया गया। इस तरह दो बार एक ही प्रश्न पत्रों की छपाई में करीब 7 लाख 38 हजार 855 रूपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया।
जांच में ये भी पाया कि प्रश्नपत्रों की छपाई में शासन के भंडार क्रय नियमों का भी उल्लंघन कर आर्थिक गड़बडिय़ां की गयी। जांच मेें इन सारे खुलासे के बाद शिक्षा विभाग ने कोरबा के तात्कालीन डीईओ सतीश पांडेय से 7 लाख 38 हजार रूपये की रिकवरी का आदेश जारी करते हुए दो वेतन वृद्धि रोकने का सख्त आदेश जारी किया है। आदेश में बकायदा 24 किस्तों में 7 लाख 38 हजार रूपये की वसूली का आदेश दिया गया हैं। अवर सचिव शिक्षा आर.पी.वर्मा के इस आदेश के बाद शिक्षा विभाग में मनमानी कर आर्थिक गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के बीच हडक़ंप मचा हुआ हैं।