बीजापुर
हीरापुर पंचायत में छह माह से नहीं हो पाया भुगतान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 29 मार्च। जिले के उसूर जनपद के अंतर्गत आने वाले हीरापुर पंचायत में कार्यरत मजदूरों का मजदूरी भुगतान पिछले छह महीने से नहीं हो पाया हैं। अब मजदूर तंग आकर काम के लिए पड़ोसी राज्यों का रुख कर रहे हैं।
बताया गया है कि उसूर जनपद के अंतर्गत आने वाले बासागुड़ा पंचायत से लगे ग्राम पंचायत हीरापुर में छह महीने पहले मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों का मजदूरी भुगतान छह महीने बीतने के बाद भी नहीं हो पाया है। मजदूर लगातार मजदूरी भुगतान की मांग कर रहे हैं। मजदूरी भुगतान नहीं होने से नाराज मजदूर अब मजदूरी के लिए पड़ोसी राज्यों का रुख करने को मजबूर हो रहे हैं।
ग्राम पंचायत हीरापुर के सचिव राजेश अंगनपल्ली ने बताया कि छह महीने पहले यहां मनरेगा के तहत डबरी निर्माण व नाला बंधान का काम करवाया गया था। इस काम में 50 से 60 मजदूरों ने मजदूरी की थी, जिनका करीब 4 लाख रुपये मजदूरी भुगतान अब तक लंबित हैं।
सचिव का कहना है कि मजदूरी भुगतान की राशि आगे से ही नहीं भेजी जा रही है, जिसके चलते भुगतान अटका हुआ है। उन्होंने बताया कि मार्च में भुगतान होने की संभावना थी, लेकिन अब मार्च भी समाप्त होने को है, बावजूद भुगतान की राशि नहीं डाली गई है।
डेढ़ हजार मजदूरों का लाखों बकाया
मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारी मनीष सोनवानी ने बताया कि जिले के 46 ग्राम पंचायतों के डेढ़ हजार मजदूरों का 31 लाख 28 हजार रुपये का मजदूरी भुगतान 18 मार्च से लंबित हैं। उन्होंने बताया कि जिन पंचायतों में छह महीने या उससे ज्यादा समय से भुगतान नहीं होने की बात जो सामने आ रही है।
दरअसल, कभी ऐसे भी होता है कि पंचायतों में मजदूर काम कर लिए, लेकिन उनका मस्टररोल ही नहीं निकला या मस्टररोल ही नहीं बनवाये गये होंगे। ये जांच का विषय है और यह जांच के बाद साफ हो पाएगा।
ज्ञात हो कि मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को 204 रुपये मजदूरी भुगतान किया जाता है, लेकिन 1 अप्रैल से केंद्र सरकार ने मजदूरों की मजदूरी राशि बढ़ाकर 221 रुपये कर दी है। गत 24 मार्च को केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय विकास विभाग ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया हैं।