राजनांदगांव
औंधी के सरखेड़ा की घटना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 जून। मोहला-मानपुर जिले के औंधी क्षेत्र के सरखेड़ा में देवी प्रतिमा को आग लगाने से मचे बवाल के बाद पुलिस ने वारदात में शामिल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस की सपड़ में आए चारो आरोपी आदिवासी समुदाय से वास्ता रखते हैं। पुलिस को आरोपियों ने आग लगाने की वजह के पीछे जानकारी देते बताया कि गांव में दो देवी मूर्ति की स्थापना से बुरी घटनाएं हो रही थी, इसलिए एक मूर्ति को आग लगाया गया। मानपुर एसडीओपी मयंक तिवारी ने ‘छत्तीसगढ़’ से आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते कहा कि घटना के पीछे धार्मिक रीति-रिवाज के मतभेद एक वजह बनी। पुलिस आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग मामलों के तहत कार्रवाई कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक सरखेड़ा में 2 जून को देवी प्रतिमा को क्षति पहुंचाकर आग लगाने की घटना की खबर जंगल में आग लगने की तरह फैल गई। इस घटना से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई। इसके बाद पुलिस तक मामला पहुंचा। मूर्ति जलाने की घटना की संवेदनशीलता को समझते पुलिस ने गांव में बढ़ रहे तनाव को रोकने की कोशिश की, लेकिन गांव के हिंदू लोग आस्था के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाते गुस्से में एकजुट हो गए। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने इस वारदात में शामिल 4 आदिवासी आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने भुनेश्वर नेताम, गंगसाय वाल्को, सहित किरसान और रघुनाथ सलाम को गिरफ्तार किया है। पुलिस के जारी बयान में बताया गया है कि कडरी गांव के रहने वाले गंगसाय वाल्को ने देवी-देवताओं के प्रकोप से गांव में बुरी घटनाएं होने का हवाला देकर दो देवी मूर्ति की स्थापना का विरोध किया। गांव में एक देवी मूर्ति के विसर्जन पर चर्चा हुई, लेकिन देवी प्रतिमा को क्षति पहुंचाकर आग लगा दी गई। इसके बाद चारों आरोपियों ने मूर्ति को तोडक़र आग लगा दी। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक छुरी, लोहे का सब्बल और मोबाईल जब्त किए हैं। यहां बता दें कि विहिप और दूसरे हिन्दूवादी संगठनों ने गांव में हुए घटना को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। विवाद बढऩे से पहले पुलिस ने चारो आरोपियों को दबोच लिया।