कोण्डागांव

न खाद न बीज और न बी-1 खसरा, किसान भटकने मजबूर, पटवारी व सहकारी समिति कर्मियों की बेमुद्दत हड़ताल जारी
13-Jun-2023 9:04 PM
 न खाद न बीज और न बी-1 खसरा, किसान भटकने मजबूर, पटवारी व सहकारी समिति कर्मियों की बेमुद्दत हड़ताल जारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 13 जून।
जिले के किसान इन दिनों खरीफ फसल के ठीक पहले भटकने के लिए मजबूर हैं। उनके भटकने का कारण राजस्व पटवारी और सहकारी समिति के कर्मचारियों का हड़ताल पर होना बताया जा रहा है। 

दरअसल, खरीफ फसल का कार्य प्रारंभ करने से पहले किसानों के माध्यम से खेती से संबंधित तमाम कागजी कार्रवाई पूरी किए जाते हैं। इसमें खाद-बीज के लिए केसीसी पंजीयन से लेकर राजस्व पटवारियों के माध्यम से मौत के बाद नामांतरण, बंटवारा समेत कई अन्य कार्य शामिल हंै, लेकिन किसानों से संबंध रखने वाले इन दोनों प्रमुख विभाग के कर्मचारी एकाएक हड़ताल पर चले जाने से किसानों के माथे चिंता की लकीरें नजर आने लगी है।

जानकारी अनुसार, कोण्डागांव जिले में लगभग 146 राजस्व पटवारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राजस्व पटवारी अपने मूलभूत सुविधाओं में इजाफा को लेकर 15 मई से 8 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। 

इसी तरह जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले लैम्प्स, सोसाईटी और सहकारी समिति के लगभग 250 से अधिक कर्मचारी अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। नतीजतन हड़ताल का सीधा असर किसानों और उनके फसलों से जुड़े कागजी कार्रवाई पर दिखाई देने लगा है। 

किसानों के इन कामों पर पडऩे लगा है असर
राजस्व प्रशासन की मुख्य अंग के तौर पर राजस्व पटवारी कार्य करते हैं। किसानों के परिवार में मौत के बाद नामांतरण या बटवारा जैसी समस्याओं के निदान के लिए पटवारियों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इसके अलावा पटवारियों के माध्यम से गिरदावरी का कार्य, बी-1 खसरा का कार्य संपादित करवाया जाता है। बाढ़ आपदा मुआवजा या पटवारी प्रतिवेदन से संबंधित समस्त कार्य भी पटवारी हड़ताल के चलते प्रभावित हो रहे हैं। 

इसी तरह छत्तीसगढ़ प्रदेश सहकारी कर्मचारी संघ के बैनर तले लैम्प्स व सहकारी समिति मर्यादित में काम करने वाले कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से किसानों को केसीसी पंजीयन के लिए भटकना पड़ रहा है। एक आंकड़े के अनुसार जिले में लगभग 35000 से अधिक किसान केसीसी पंजीयन करवाते हैं।

छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकारी कर्मचारी संघ की तीन सूत्रीय मांगें
छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकारी कर्मचारी संघ के बैनर तले जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ कोण्डागांव के डीएनके मैदान में 3 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठा है। इन तीन सूत्रीय मांगों में कर्मचारियों को नियमित करने, सरकारी कर्मचारी के भांति वेतन देने और सीधी भर्ती बंद करते हुए समिति कर्मचारियों को बैंक में संविलियन करने का मांग शामिल हैं।

मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए पटवारियों ने खोला मोर्चा
राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ के बैनर तले कोण्डागांव जिला के एनसीसी मैदान में राजस्व पटवारी संघ 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठा है। इसमें वेतन विसंगति दूर करते हुए ग्रेट पे 2800 रुपए किए जाने, वरिष्ठता के आधार पर राजस्व निरीक्षक पद पर पदोन्नति, नेट भत्ता दिए जाने, महंगाई के अनुरूप स्टेशनरी भत्ता दिए जाने, अतिरिक्त हल्का का प्रभार देने पर मानदेय में बढ़ोतरी, पटवारी भर्ती योग्यता स्नातक किए तक किए जाने, मुख्यालय में निवास की बाध्यता को समाप्त किए जाने और बिना विभागीय जांच के एफआईआर दर्ज न किए जाने की मांग प्रमुखता से शामिल किया गया है।

लता उसेंडी की अगुवाई में भाजपा ने दिया समर्थन
नगर के एनसीसी मैदान में लगातार 28 दिनों से हड़ताल पर बैठे राजस्व पटवारियों को समर्थन देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य लता उसेंडी के साथ 13 जून को नजर आए। यहां लता उसेंडी ने समर्थन देते हुए प्रदेश कांग्रेस सरकार को घेरा। 

उन्होंने कहा कि, सरकार राजस्व पटवारियों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। 
जिसके चलते उनके ऊपर एस्मा लगाया गया। जबकि शासन की प्रमुख कार्यों को राजस्व पटवारी ही निष्पादित करते हैं। उनकी मांगें भी उन्हीं सुविधाओं में इजाफा को लेकर किया जा रहा है। 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news