बीजापुर
चहेते को दिलाया टेण्डर, लोकल दुकानों से कहीं ज्यादा दाम में की गई खरीदी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 23 जुलाई। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने बीजापुर में खेल सामाग्री खरीदी में क्षेत्रीय विधायक पर खेला करने का आरोप लगाया हैं। उन्होंने इसके तथ्य भी पेश किये हैं।
प्रेस को जारी बयान में पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने खेल सामग्री खरीदी में हुई लाखों रुपये के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए तथ्य पेश किया है। उन्होंने विधायक पर भ्रष्टाचार का सीधा आरोप लगाया है।
गागड़ा ने आरोप लगाते बताया है कि सहायक आयुक्त आदिवासी विकास की ओर से जिले में संचालित विभागीय छात्रावास,आश्रमों में निवासरत छात्र-छात्राओं के लिए खेलकूद सामग्रियों का क्रय हेतु निविदा आमंत्रित किया था।
यह टेण्डर बलरामपुर की ट्रेडर्स को दिया गया था, और ये सब स्थानीय विधायक के निर्देश पर हुआ था। टेण्डर के बाद जो सामग्रियों का खरीदी किया गया है। उस दर और बीजापुर के लोकल दुकानों के दर में जमीन आसमान का फर्क है। जहां स्थानीय दुकान में लूडो की दर पच्चासी रुपये है, तो वहीं थोक खरीदी में इसकी कीमत तीन सौ पच्चीस रुपये है, वैसे ही चेस बोर्ड 150 स्थानीय मूल्य है। तो वही इसे एक हजार पांच सौ सत्रह रुपया के रेट से खरीदा गया है।
इस तरह से रस्सी कूद,शतरंज बोर्ड गोटी,कैरम बोर्ड 32इंच गोटी सहित, फुटबॉल, रिंगबाल, क्रिकेट किट,बिल्डिंग ब्लाक, कैंडल एंड टोज बॉलिंग, इंडोर बास्केटबॉल, बैडमिंटन रैकेट, शटल कॉक पैकेट, लूडो, पिट्टूल इन सामग्रियों का कई अधिक दामों में खरीदी कर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार किया गया हैं।
अपने बयान में गागड़ा ने अधिक मूल्यों में हुई खरीदी को लेकर सवाल किया है कि जब यही सामान इतनी कम दर में स्थानीय बाजार में मिल रही है, तो फिर इतनी अधिक दर में निविदा क्यों दिया गया। इससे यह मालूम पड़ता है।ये सिर्फ पैसे कमाने के नजरिये से खेल खेला गया है। खेल सामग्री खरीदी में विधायक का बड़ा खेला है।
औने पौने दाम की सामग्री को अधिक दामों में खरीद कर विधायक लखपति बनने का खेल खेंले हैं। इस प्रकार से करीब उनचास लाख बहत्तर हजार रुपये का सामान खरीदी की गई है। जो मनमाने ढंग से पैसे की बर्बादी है। गागड़ा ने कहा है कि यह सारी जानकारियां सूचना के अधिकार के तहत विभाग से दिया गया है जो कि प्रमाणित है।
जिले में एक भी इंडोर बास्केटबॉल खेल मैदान नहीं
गागड़ा ने यह भी बताया-सूचना के अधिकार के तहत यह बताया गया है कि जिले में खेलने के लिए एक भी इंडोर बास्केटबॉल खेल मैदान नहीं है। बावजूद एक हजार तीन सौ उनतालीस रुपये के दर से 980 बास्केटबॉल एक लाख इकतीस हजार दो सौ पांच रुपये का खरीदी किया गया। इस प्रकार की अनियमितता विभाग के जानकारी में क्यों नहीं थी।
उन्होंने कहा कि जब मैदान उपलब्ध नही है तो लाखों रुपये का टेण्डर में बर्बाद करने की नौबत क्यों आन पड़ी। गागड़ा ने कहा कि भ्रष्टाचार का यह खेल निन्दनीय है। क्षेत्र की जनता का पैसा निजी फायदे के लिए दुरुपयोग दुर्भाग्य है।