गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 8 सितंबर। तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर एक बेहद ही आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि ‘सनातन धर्म मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह है और इसका विरोध करना ही पर्याप्त नहीं बल्कि इसका खात्मा किया जाना चाहिए।’
उक्त बयान पर भाजपा खोरपा मंडल के महामंत्री नेहरू लाल साहू ने कहा कि विश्व के सबसे पुराने और महान धर्म ‘सनातन धर्म’ के बारे में अपशब्द कहने वाले उदयनिधि स्टालिन अपने ही मातृधर्म के बारे में अनर्गल प्रलाप कर अपने मानसिक दिवालियापन का परिचय दे रहे हैं। जबकि सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन जैसे निकृष्ट लोगों द्वारा जारी किए जाने वाले ऐसे अभद्र और घोर आपत्तिजनक बयान का इसी तरह कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
नेहरू ने कहा कि दरअसल उदयनिधि स्टालिन ने केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर सनातन धर्म को लेकर इस प्रकार का अनर्गल बयान दिया है। तमिलनाडु में कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों की सरकारों के संरक्षण के चलते तमिलनाडु में लगातार ईसाई और मुस्लिम धर्म के मानने वालों की संख्या बढ़ रही है।
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने इन्हीं वोट बैंकों को खुश रखने के लिए उदयनिधि स्टालिन का यह असफल प्रयास है। श्री साहू ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन डीएमके दल के नेता हैं और डीएमके, कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल है।
उदयनिधि स्टालिन का बयान इस बात को एक बार फिर से प्रमाणित करता है कि इंडिया में शामिल सभी दल सनातन धर्म के विरोधी हैं, और तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने वाले हैं, जिनका केवल एक ही मकसद है देश के सभी धर्मों के मध्य फूट डालो और राज करो की नीति जारी रखना। जबकि इसके उलट भाजपा सभी धर्मों को साथ लेकर चलने वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टी है।