कोण्डागांव

पालकों की भांति व्यवहार से बच्चों की दुविधाओं को समझने में होगी आसानी
06-Oct-2023 10:04 PM
पालकों की भांति व्यवहार से बच्चों की दुविधाओं को समझने में होगी आसानी

कलेक्टर ने की बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए संचालित मंथन कार्यक्रम की समीक्षा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 6 अक्टूबर। कलेक्टर दीपक सोनी ने जिले में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के अनुसंगी संस्था मानस फाउंडेशन द्वारा संचालित ‘मंथन’ कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।

बुधवार को जिला कार्यालय के भूतल स्थित सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के साथ पालकों की भांति व्यवहार रखने पर उनकी दुविधाओं को समझने और उनको दूर करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान व्यवहार का अध्ययन है। बच्चों को उचित मार्गदर्शन देकर और उनसे सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार के माध्यम से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आसानी से लाया जा सकता है।

कलेक्टर ने जिले में इस कार्यक्रम के संचालन से मिल रहे सकारात्मक परिणामों से प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अधिक से अधिक आश्रम-छात्रावास सहित शैक्षणिक संस्थान और आंगनबाड़ी केन्द्रों में इस कार्यक्रम के तहत बच्चों का परामर्श करें और उन्हें लाभ पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि जो बच्चे अपने माता-पिता से दूर रहकर आश्रम-छात्रावासों में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें पालक की भांति व्यवहार करने वाले शिक्षक मिलने पर निश्चित तौर आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे अपने माता-पिता के साथ लगाव रखते हैं, क्योंकि उनके माता-पिता उनके व्यवहार और समस्याओं को समझते हैं। ऐसा ही कार्य शिक्षकों को भी बच्चों के प्रति करना होगा, जिससे बच्चे शिक्षकों को अपनी समस्याओं को सहजता के साथ बता सकें। उन्होंने कहा कि बच्चों की चिंता को कम करना हमारा उद्देश्य है तथा बच्चों को उनके लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करने के साथ ही उन्हें उत्साहित भी करना है।

इस दौरान आश्रम-छात्रावास के अधीक्षकों ने बताया कि पहले जहां सिर्फ बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य की चिंता की जाती थी, वहीं अब मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। इससे बच्चे पढ़ाई-लिखाई के साथ ही खेल-कूद के प्रति भी रुचि ले रहे हैं। बच्चे जो बातें, साझा करने में झिझकते थे, वे अब आसानी से साझा करने लगे हैं। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के देखभाल की जो विधि बताई गई, उससे अब उनसे भावनात्मक रुप से जुडऩे में भी आसानी हो रही है।

इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर एवं आदिवासी विकास शाखा प्रभारी कावेरी नेताम, मानस फाउंडेशन की मनोरोग विशेषज्ञ उन्नति अरोरा सहित आश्रम छात्रावासों के अधीक्षक उपस्थित रहे।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news