बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 21 अक्टूबर। नगर में खाद्य विभाग की अनदेखी के चलते लंबे समय से होटलों से लेकर किराना दुकानों पर खुले में रखकर खाद्य सामग्री बेची जा रही है। इनको खाने से लोगों की जान का खतरा बना रहता है। वहीं त्यौहार नजदीक होने के वजह से मावे से लेकर अन्य सामग्रियों की डिमांड बढ़ गई है। इसके बावजूद जिम्मेदार कार्रवाई करना उचित नहीं समझ रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त तथ्य सामने आया है कि खोवा बनाने के लिए दूध में चाशनी पाउडर, यूरिया, रिफाइंड तेल या घटिया वनस्पति घी को पानी में डालकर मिलाया जाता है। इस तरह सिंथेटिक दूध तैयार किया जाता है। इसी सिंथेटिक दूध से खोवा बनाया जाता है। इस तैयार खोवे को असली खोवा बताकर दुकानदारों को बेचा जाता है। यह सेहत के लिए खतरनाक होता है वहीं शहर में ऐसे कई मिठाई दुकानें व होटल संचालित हो रही हैं जो पंजीकृत नहीं, परंतु खाद्य सुरक्षा विभाग ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं करता है। वहीं इन दिनों शहर में खानपान के गुणवत्ता मापदंडों में लगातार अनदेखी बरती जा रही है। थोड़े समय में अधिक लाभ के लालच में कई होटल व्यवसायी गुणवत्ता मापदंडों की अनदेखी कर रहे है जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है। जांच कर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर कलेक्टर चंदन कुमार ने होटलों मे गुणवत्ता व साफ सफाई के संबंध में जल्द जांच कर ठोस कार्रवाई की जाने की बात कही। वहीं उमेश वर्मा ने जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि होटलों में साफ-सफाई व वहां बनने वाले खाद्य सामग्री की सघन जांच पड़ताल की जाएगी। खाद्य व सुरक्षा विभाग भी जांच के नाम पर खानापूर्ति साल मे कभी कभी खाद्य सुरक्षा विभाग निरीक्षण करता है तो जांच सैंपल के नाम पर उक्त कार्यवाही को लम्बे समय तक खींचकर ठंडे बस्ते में डाल देते हैं और लोग गुणवत्ता मापदंडों को लेकर की हुई कार्रवाई को भूल जाते हैं।