बेमेतरा
शहरी और ग्रामीण इलाकों में माता की प्रतिमाओं का विसर्जन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 25 अक्टूबर। अंचल में अलग-अलग गांव में विराजित माता दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन शिवनाथ नदी में विधि-विधान से विसर्जन किया गया। सोमवार को सेवा गीत के साथ जवारा विसर्जन किया गया। कुछ गांव की प्रतिमाओं का मंगलवार को विसर्जन किया गया। प्रतिमाओं का शिवनाथ नदी के अमोरा घाट में विसर्जन किया गया।
इस दौरान घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। आंचल में दो दिनों तक विसर्जन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रथम दिन सोमवार को मंदिरों में प्रज्वलित मनोकामना ज्योति व जवारा का विधि-विधान पूर्वक विसर्जन किया गया। शहर की माता महामाया मंदिर से विसर्जन के लिए पांच ज्योति निकल गई, जिसके बाद शीतला मंदिर से 21 ज्योति निकल गई। जवारा यात्रा मांदर व गाजे-बाजे के साथ भद्रकाली मंदिर परिसर होते हुए माता भद्रकाली मंदिर तालाब पहुंची, जहां पर विसर्जन कर आराधना की गई। दर्शन के लिए सडक़ पर लोगों की भीड़ लगी रही। मंगलवार को युवा शक्ति समिति, एकता दुर्गा उत्सव के अलावा शहर के अन्य समितियां द्वारा स्थापित माता की प्रतिमा का विसर्जन किया गया।
गांवों के लोग ट्रैक्टर से पहुँचे
नवमी और उसके दूसरे दिन विसर्जन के लिए 50 से अधिक गांव की समितियों ने दो दिनों के दौरान शिवनाथ नदी पहुंचकर देवी मां की प्रतिमा का विसर्जन सेवा आराधना के साथ किया। बाजे-गाजे के साथ ग्रामीणों का हुजूम शिवनाथ नदी के घाट पर पहुंचा, जहां पर विसर्जन के लिए नाव लेकर नाविक भी मौजूद रहे। नदी घाट में ज्यादातर लोग ट्रैक्टर से पहुंचे।
जसगीतों के साथ गलियों में भ्रमण
मंगलवार की सुबह मां दुर्गा की आरती कर गाजे-बाजे के साथ विसर्जन किया गया। इसमें गांव के लोगों द्वारा जस गीतों के साथ गांव की गलियों में भ्रमण कराया गया। इसमें भक्तों ने अपने घरों से माता दुर्गा की आरती उतार कर पूजा-अर्चना किया गया, साथ ही नाम आंखों के साथ माता की जयकारा लगाते रहे। इसके बाद गांव के तालाब में विसर्जन किया गया। इसके पश्चात शाम को रामलीला मंडली के द्वारा गांव में दशहरे का कार्यक्रम किया गया।
इस अवसर पर रामलीला मंडली द्वारा रामलीला का मंचन कर भगवान श्री राम ने रावण की वध किया गया जिसमें लोगों ने को बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।