बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 19 नवंबर। सुकमा जिले में रहने वाली एक नाबालिग ने पारिवारिक कारणों के चलते अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। परिजन उसे जिला अस्पताल सुकमा ले गए, जहां से चिकित्सकों ने उसकी हालत को देखते हुए मेकाज भेज दिया। यहां डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद नाबालिग की जान बचाई।
मेकाज अधीक्षक डॉ. अनुरूप साहू ने बताया कि 15 नवंबर की शाम 5 बजे के आसपास सुकमा क्षेत्र की 12 वर्षीय बालिका अपने घर में फांसी लगा ली थी। परिजनों ने उसे फंदे में लटका देख रस्सी को काटकर फंदे से उतारकर सुकमा जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से उसकी खराब हालत को देखते हुए नाबालिग को सुकमा से डिमरापाल अस्पताल भेजा गया।
देर रात शिशु रोग विभाग में नाबालिग को भर्ती कराया गया। नाबालिग की हालत बहुत ही गंभीर थी, हाईपाक्सिक एन्केलोपैथी की वजह से नाबालिग बेहोश थी। इन्टेसिव इलाज नाबालिग को दिया गया, सारे चिकित्सक व स्टाफ के लगातार इलाज के साथ ही बालिका ठीक हुई। ठीक होने पर बालिका को सकारात्मक समझाईश भी दी गई, जिससे वह भविष्य में पुन ऐसे कदम न उठा सके।
बालिका की जान बचाने में डॉ. डी आर मंडावी, डॉ. हर्ष, डॉ. बबिता, डॉ. तुषार, डॉ. इशिता, डॉ. स्कॉट के साथ ही वार्ड की स्टाफ नर्स से लेकर कर्मचारियों का काफी सहयोग रहा।